चीन के खिलाफ भारत की कूटनीति सफल, गलवान समेत चार जगहों से चीनी सैनिकों की वापसी, ड्रैगन का कबूलनामा

भारत-चीन के रिश्ते गलवान घटना के बाद और तल्ख हो गए थे. चीन लगातार गलवान घाटी में डटा हुआ था. लेकिन अब यह तल्खी धीरे-धीरे दूर होती जा रही है. दरअसल 4 साल गलवान घाटी में डटे रहने के बाद चीन ने वहां से अपने सैनिकों को पीछे हटने को कहा है. लेकिन सवाल है कि 4 साल बाद आखिर ऐसा हुआ क्या है जिससे चीन ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. बता दें कि चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार 13 सितंबर को कहा है कि पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी समेत चार स्थानों पर सैनिकों की वापसी हुई है.

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भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जारी है. कई सालों तक यह विवाद सुलझ नहीं सका. इसके चलते पिछले कुछ सालों में दोनों देशों की सेनाओं के आमने-सामने आने की घटनाएं हो चुकी हैं. उस समय दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई. लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि भारत और चीन सीमा विवाद सुलझ जाएगा. चीन ने पूर्वी लद्दाख से अपने सैनिक हटा लिए हैं. 

चीन ने लद्दाख में गलवान समेत चार जगहों से सेना हटाने की बात कबूल कर ली है. चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच गुरुवार को हुई बातचीत के बाद चीन ने अपने सैनिक वापस बुला लिए हैं.

चार जगहों से निकाला गया

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि दोनों सेनाएं चार स्थानों से पीछे हट गई हैं. सीमा पर स्थिति स्थिर है. दोनों देशों की सेनाओं ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चार बिंदुओं से वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिसमें गलवान घाटी भी शामिल है. चीनी विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी शुक्रवार को जिनेवा में विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान के बाद आयी है. जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ सेना वापसी से जुड़े 75 फीसदी मुद्दे सुलझा लिए गए हैं. लेकिन सीमा पर बढ़ता सैन्यीकरण एक बड़ा मुद्दा है.

दोनों देश बातचीत पर जोर देंगे

चीन के विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वांग के बीच बैठक का विवरण देते हुए कहा कि भारत-चीन संबंधों में स्थिरता दोनों देशों के लोगों के दीर्घकालिक हित में है. इसलिए दोनों देशों में क्षेत्रीय शांति रहेगी. चीनी और भारतीय सरकारें आपसी समझ बनाए रखने, विश्वास कायम करने, निरंतर संवाद बनाए रखने और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगी. भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत और चीन ने गुरुवार को पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की पूरी वापसी का फैसला किया था. First Updated : Saturday, 14 September 2024