पाकिस्तान में फिर मारा गया भारत का एक और दुश्मन, बाइक से आया और उड़ा गया लश्कर आतंकी की खोपड़ी
पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकवादियों का सफाया जारी है. इस बार खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी जिले में अज्ञात मोटरसाइकिल सवार आतंकवादी ने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर मौलाना काशिफ अली को गोलियों से भून डाला. यह घटना पाकिस्तान में पिछले महीने से चल रही आतंकवादियों के खिलाफ सिलसिलेवार कार्रवाई का हिस्सा बन गई है.

पाकिस्तान में एक बार फिर अज्ञात मोटरसाइकिल सवार आतंकवादी ने आतंक का कहर बरपाया. इस बार उसका निशाना बने लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकवादी कमांडर मौलाना काशिफ अली, जिसे ताबड़तोड़ गोलियों से ढेर कर दिया गया. यह घटना खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी जिले में घटी, और काशिफ अली की हत्या पाकिस्तान में आतंकवादियों के सफाए की एक और कड़ी बन गई है. पिछले एक महीने में यह चौथा आतंकवादी है, जिसे ऐसी ही घटनाओं में मारा गया है.
काशिफ अली का आतंकवाद में बड़ा योगदान
मौलाना काशिफ अली, लश्कर-ए-तैयबा का एक शीर्ष कमांडर था, जो पाकिस्तान के युवाओं को आतंकवाद की ओर मोड़ने के लिए जिम्मेदार था. वह कई मस्जिदों और मदरसों का इंचार्ज था और पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए युवा भर्ती करता था. काशिफ अली का आतंकवाद के ट्रेनिंग सेंटरों में भी गहरा प्रभाव था, जहां वह जिहादी विचारधारा का प्रचार करता था. वह पाकिस्तान के कुख्यात राजनीतिक संगठन पीएमएमएल से भी जुड़ा हुआ था, जो लश्कर-ए-तैयबा के मुखोटे के रूप में काम करता है.
पाकिस्तान में मची खलबली, सोशल मीडिया पर हंगामा
काशिफ अली की हत्या के बाद आतंकवादी संगठनों ने पाकिस्तान सरकार पर जमकर हमला बोला है. इन संगठनों ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार से काशिफ अली के हत्यारों को पकड़ने की मांग की है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा गया है, "काशिफ अली का केवल इतना कसूर था कि वह पाकिस्तान से प्यार करता था." इन संगठनों का गुस्सा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और सेना के अधिकारियों पर भी फूटा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि काशिफ अली की हत्या पाकिस्तान सरकार की नाकामी को उजागर करती है.
एक महीने में चौथे आतंकवादी का सफाया
पिछले एक महीने के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के तीन प्रमुख आतंकवादी मारे जा चुके हैं. इनमें से दो आतंकवादी कथित तौर पर सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हुए थे. अब काशिफ अली की मौत के बाद आतंकवादी संगठनों में एक बार फिर खलबली मच गई है. इस घटना ने पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ आक्रोश को और बढ़ा दिया है, और इन संगठनों का गुस्सा खुलकर सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है.
पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं
हालांकि, काशिफ अली की हत्या के बाद पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है. आतंकवादी संगठनों ने सरकार को खुली चुनौती दी है और काशिफ अली के हत्यारों को पकड़ने का दबाव बना रही है. पाकिस्तान की स्थिति फिर से अस्थिर नजर आ रही है, और सरकार के लिए यह एक बड़ा सवाल है कि आतंकवादियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाएं.