India-Singapore Relation: रंग लाई मोदी सरकार की FDI पॉलिसी! सिंगापुर की कई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां कर रही भारत का रूख
Singapore Manufacturing Company: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में चलाई जा रही मेक इन इंडिया ने विदेश में कमाल कर दिया। खबर है कि सिंगापुर की कई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां निवेश के लिए भारत का रूख कर रही है।
Singapore Manufacturing Company: सिंगापुर में टैक्स सिस्टम, ग्लोबल नेटवर्किंग, क्वालिटी ह्यूमन को तैयार करने की समझ और फाइनेंस की सुविधा बेहतर है। इस वजह से सिंगापुर को बिजनेस करने के लिहाज से अच्छा माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगापुर में बिजनेस करने की अच्छी सुविधा होने के बावजूद वहां की कई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां भारत का रूख कर रही है। जानकारी के मुताबिक, सिंगापुर की मल्टीनेशनल कंपनियां (MNC) जो पहले दक्षिण पूर्व एशियन के देशों में अपने उत्पाद तैयार करती थी। अब वो कंपनियां भारत का रुख करने लगी हैं। यह भारत सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत हो रहा है।
सिंगापुर में भारत की कई कंपनियां है मौजूद
सिंगापुर में भी कई भारतीय कंपनियां काम कर रही है। भारत की कंपनियों ने वहां अपना बिजनेस बेस तैयार हुआ है। इसलिए इसमें हैरानी वाली कोई बात नहीं है। सिंगापुर में स्थित भारतीय उच्चायोग के मुताबिक, देश में लगभग 9,000 भारतीय कंपनियों ने अपना पंजीकरण कराया हुआ है। इनमें टाटा समूह, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस और विप्रो जैसी कई भारतीय कंपनियां शामिल है।
भारत का छठा बड़ा बिजनेस पार्टनर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है। साथ ही सिंगापुर के कुल व्यापार में 2.3 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की है। रिपोर्ट् के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत और सिंगापुर ने कुल 30.11 बिलियन अमरीकी डॉलर का व्यापार किया। इसके अलावा 2021 में सिंगापुर ने FDI के तहत भारत में 15.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था, जबकि भारत ने सिंगापुर में 18.41 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था।
मेक इन इंडिया
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार बनने के बाद कई देशों को भारत में निवेश करने के लिए कहा गया था। सिंगापुर ने भारत के सर्विस सेक्टर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, मेडिसिन और फार्मास्यूटिकल्स आदि क्षेत्रों में निवेश पर जोर दिया है। मोदी सरकार द्वारा चलाई गई मेक इन इंडिया पॉलिसी ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिस कारण विदेशी कंपनियों का भारत में निवेश करने का रास्ता आसान हो गया है।