'भारत जल्द से जल्द युद्ध विराम का समर्थन करता है', गाजा में जारी संघर्ष पर बोले एस जयशंकर

S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संघर्ष क्षेत्र गाजा में 'जितनी जल्दी हो सके' युद्ध विराम का आह्वान किया है. पहला भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि गाजा में स्थिति सबसे बड़ी चिंता का विषय है. इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और सुसंगत रहा है.  हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं.

JBT Desk
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S Jaishankar: इजराइल और हमास के बीच लगभग एक साल से जंग जारी है. इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संघर्ष क्षेत्र गाजा में 'जितनी जल्दी हो सके' युद्ध विराम का आह्वान किया है. सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहला भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि गाजा में स्थिति सबसे बड़ी चिंता का विषय है. 'इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और सुसंगत रहा है. हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों की लगातार हो रही मौतों से हमें गहरा दुख है. किसी भी प्रतिक्रिया में मानवीय कानून के सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए. हम जल्द से जल्द युद्ध विराम का समर्थन करते हैं,'

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जयशंकर ने आगे कहा, 'बड़े मुद्दे पर, हम लगातार दो-राज्य समाधान के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़े हैं.  हमने फिलिस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में भी योगदान दिया है.  जहां तक ​​मानवीय स्थिति का सवाल है, हमने राहत प्रदान की है और यूएनआरडब्ल्यूए को अपना समर्थन बढ़ाया है. 

'विपत्ति दोस्ती का वास्तविक महत्व सामने लाती है'

इस बीच मंत्री ने कहा कि 'विपत्ति' दोस्ती के वास्तविक महत्व को सामने लाती है. महामारी ने रेखांकित किया कि स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के लिए हम एक-दूसरे के लिए कितने प्रासंगिक हैं. इसी तरह, एआई, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ग्रीन ग्रोथ की मांग मानव संसाधनों को साझा करने के महत्व को उजागर करती है, संघर्ष और तनाव कनेक्टिविटी पर सहयोग के महत्व को सामने लाते हैं. बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रही दुनिया में, हम एक-दूसरे की आकांक्षाओं का परस्पर समर्थन कर सकते हैं,

जीसीसी के साथ भारत के संबंध मजबूत हुए हैं 

विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि भारत और जीसीसी के बीच संबंध 'इतिहास, संस्कृति और साझा मूल्यों के समृद्ध ताने-बाने" में निहित हैं. ये बंधन समय के साथ मजबूत होते गए हैं, और एक साझेदारी में विकसित हुए हैं जो अर्थशास्त्र, ऊर्जा, रक्षा, टेक्नॉलजी, शिक्षा, लोगों से लोगों के संबंधों और उससे भी आगे तक फैली हुई है. हमारी साझेदारी पर विचार करने के कई तरीके हैं. मैं 3 पी- पीपुल, प्रॉस्पेरिटी और प्रोग्रेस की रूपरेखा प्रस्तुत करता हूं. 

'करीब 9 मिलियन भारतीय आपके बीच काम करते हैं'

इस बीच उन्होंने आगे कहा कि करीब 9 मिलियन भारतीय आपके बीच काम करते हैं और रहते हैं, जो हमारे बीच एक जीवंत पुल का काम करते हैं. आपकी आर्थिक प्रगति में उनके योगदान को व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है. हम उनके कल्याण और आराम को सुनिश्चित करने के लिए आपको धन्यवाद देते हैं,

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09 September 2024, 08:14 PM IST

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