भारत ने ईरान के 'मुसलमानों की पीड़ा' वाली टिप्पणी को बताया गलत, बोला स्वीकार्य नहीं
World News: भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार को पैगंबर मोहम्मद की जयंती के अवसर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा की गई 'भारत में मुसलमानों की पीड़ा' संबंधी टिप्पणी की निंदा की. विदेश मंत्रालय ने ईरानी नेता की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया. मंत्रालय ने कहा कि हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं. ये गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य हैं.
World News: भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार को पैगंबर मोहम्मद की जयंती के अवसर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा की गई 'भारत में मुसलमानों की पीड़ा' संबंधी टिप्पणी की निंदा की. इससे पहले खामेनेई ने भारत, गाजा और म्यांमार सहित अन्य देशों में मुसलमानों की 'पीड़ा' का मुद्दा उठाया था और दुनिया भर में मुसलमानों के बीच अधिक एकजुटता का आह्वान किया था. ईरानी नेता ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, 'हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते, अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर मुसलमानों द्वारा झेली जा रही पीड़ा से अनभिज्ञ हैं.'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच ईरानी नेता के जवाब जवाब में, भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया, और उन्हें 'गलत सूचना और अस्वीकार्य' बताया. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया, 'हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं. ये गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य हैं.'
Statement on Unacceptable Comments made by the Supreme Leader of Iran:https://t.co/Db94FGChaF pic.twitter.com/MpOFxtfuRO
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 16, 2024
'अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड की जांच करें'
विदेश मंत्रालय ने अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर आलोचनात्मक टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी कि वे फैसला लेने से पहले अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड की जांच करें. बयान में कहा गया, 'अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपने रिकॉर्ड को देखें.'
The enemies of Islam have always tried to make us indifferent with regard to our shared identity as an Islamic Ummah. We cannot consider ourselves to be Muslims if we are oblivious to the suffering that a Muslim is enduring in #Myanmar, #Gaza, #India, or any other place.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) September 16, 2024
ईरान के सुप्रीम नेता ने क्या दिया था बयान?
ईरानी नेता ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर मुसलमानों द्वारा झेली जा रही पीड़ा से अनभिज्ञ हैं. उन्होंने कहा कि इस्लाम के दुश्मनों ने हमेशा इस्लामी उम्माह के रूप में हमारी साझा पहचान के संबंध में हमें उदासीन बनाने की कोशिश की है.