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भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में नया मोड़: ट्रेजरी सचिव का बड़ा बयान

भारत का आर्थिक वातावरण सकारात्मक बना हुआ है, क्योंकि घरेलू खपत में लगातार वृद्धि हो रही है. सरकारी पूंजीगत खर्च और कर सुधारों के चलते निजी निवेश में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में एक अहम मोड़ आया है, जब अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने यह संभावना जताई कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने वाला पहला देश बन सकता है. इस समझौते के जरिए भारत, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए पारस्परिक टैरिफ से बचने का प्रयास कर रहा है. बेसेंट ने कहा कि भारत में व्यापार बाधाएं मुख्यतः गैर-टैरिफ से जुड़ी हैं और मुद्रा हेरफेर की समस्या नगण्य है. साथ ही उन्होंने यह भी माना कि भारतीयों के साथ व्यापार करना काफी सरल है.

भारत पर अमेरिका से 10 प्रतिशत टैरिफ लागू 

अमेरिका ने पहले भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, लेकिन ट्रंप द्वारा चीन को छोड़कर अन्य देशों पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले के 90 दिनों के बाद इसपर रोक लगा दी गई थी. वर्तमान में, भारत पर अमेरिका से 10 प्रतिशत टैरिफ लागू है.

हाल ही में, स्टॉक मार्केट कंपनी एसीएमआईआईएल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह द्विपक्षीय व्यापार समझौता भारत की भविष्य की व्यापार वार्ताओं के लिए एक आदर्श बन सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता भारत की व्यापार नीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा, क्योंकि इसका उद्देश्य उन्नत प्रौद्योगिकियों को प्राप्त करना, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति को मजबूत करना है.

भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच 

इस व्यापार समझौते के तहत, भारत कुछ अमेरिकी कृषि और खाद्य उत्पादों पर टैरिफ घटा सकता है, जिससे अमेरिकी निर्यातकों को भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी और भारतीय उपभोक्ताओं को विभिन्न खाद्य उत्पादों की अधिकता मिलेगी. इसके बदले में, भारत को रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और उच्च-स्तरीय विनिर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अमेरिकी उन्नत प्रौद्योगिकियों का लाभ मिलेगा, जो भारत के दीर्घकालिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों के लिए अहम हैं.

इस बीच, भारत का आर्थिक परिदृश्य मजबूत बना हुआ है, जिसमें घरेलू खपत, रोजगार वृद्धि और उपभोक्ता विश्वास में सुधार हो रहा है. सरकारी पूंजीगत खर्च और कर सुधारों के कारण निजी निवेश भी बढ़ रहा है.

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25 April 2025, 03:36 PM IST

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