बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार का गठन हुआ है. नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाया गया है. इस बीच गुरुवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की. ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'एचसी प्रणय वर्मा ने आज महामहिम प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस @चीफएडवाइजरगोबी से परिचयात्मक मुलाकात की. शांति, सुरक्षा और विकास के लिए भारत-बांग्लादेश के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.'
डेली स्टार ने अपने एक रिपोर्ट में बताया कि श्री वर्मा ने राजकीय अतिथि गृह जमुना में यूनुस के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने ढाका स्थित अपने उच्चायोग सहित बांग्लादेश में अपने दूतावास और अन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर चिंता जताई. इस मुलाकात के दौरान उच्चायुक्त ने त्रिपुरा में आई बाढ़ पर भी चिंता जताई.
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत और बांग्लादेश के बीच आम नदियों में बाढ़ एक साझा समस्या है, जिससे दोनों पक्षों के लोगों को परेशानी होती है और इसे हल करने के लिए घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता है. 54 आम सीमा पार नदियों को साझा करने वाले दो देशों के रूप में, नदी जल सहयोग हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हम द्विपक्षीय परामर्श और तकनीकी चर्चाओं के माध्यम से जल संसाधनों और नदी जल प्रबंधन में मुद्दों और आपसी चिंताओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
भारतीय राजदूत ने युनस से मुलाकात के दौरान त्रिपुरा में आई बाढ़ को बहुत ही अभूतपूर्व घटना बताया. इस पर यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश एक बड़ा परिवार है और उन्होंने जल मुद्दों पर उच्च स्तरीय सहयोग और आपातकालीन स्थितियों में इसे सक्रिय करने पर यूनुस ने जोर दिया. उन्होंने कहा कि संयुक्त नदियों के जल बंटवारे को एक साथ काम करके हल किया जा सकता है. पिछले हफ्ते भारतीय राजदूत ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से शिष्टाचार भेंट की थी और ढाका द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करने की बात कही थी.
हालांकि, हुसैन ने चेतावनी दी थी कि भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना का सार्वजनिक बयान बेहतर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नहीं है. इस मुलाकात में अल्पसंख्यक मुद्दों पर भी चर्चा की गई. बता दें कि बांग्लादेश में भारत का सबसे बड़ा वीजा संचालन है और पिछले साल 16 लाख लोग भारत आए थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 60 प्रतिशत पर्यटन उद्देश्यों के लिए 30 प्रतिशत चिकित्सा उद्देश्य के लिए और 10 प्रतिशत अन्य उद्देश्यों के लिए आए थे. First Updated : Friday, 23 August 2024