दुबई में रेड लाइट जंप करने की सजा, भारतीय को देना पड़ा 11 लाख का जुर्माना
दुबई की ऊंची-ऊंची इमारतें और हैरत में डालती बेहतरीन टेक्नोलॉजी लोगों का दिल जीत लेती है, लेकिन दुबई के अनोखे कानून भी हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. हाल के दिनों में एक इंडियन शख्स चर्चा में आया है. जहां एक इंडियन को रेड लाइट क्रॉस करने पर 11 लाख का जुर्माना लग गया.
दुबई में सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है, जहां नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा दी जाती है. हाल ही में एक भारतीय प्रवासी को रेड लाइट क्रॉस करने की वजह से बहुत बड़ा जुर्माना और कार जब्त करने की सजा मिली है.
घटना के बारे में जानकारी देते हुए गल्फ न्यूज ने बताया कि 22 साल के भारतीय प्रवासी संजय रिजवी ने ऑफिस पहुंचने के लिए जल्दी में रेड लाइट क्रॉस कर दी. इसके कारण उन्हें 50,000 दिरहम (करीब 11 लाख रुपये) का जुर्माना भरना पड़ा और उनकी नई टेस्ला कार को एक महीने के लिए जब्त कर लिया गया.
दुबई में लापरवाह ड्राइविंग की सजा
यह घटना पिछले साल अक्टूबर की है और इसके बाद संजय ने बताया कि वह अब सड़क पर बहुत सतर्क रहते हैं. दुबई में लापरवाह ड्राइविंग के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है, जिसका मतलब है कि अगर आप गलती से भी नियम तोड़ते हैं, तो आपको बहुत भारी जुर्माना भरना पड़ता है और आपकी कार जब्त हो सकती है.
भारतीय को 11 लाख रुपये का जुर्माना
हाल ही में शारजाह में भी लापरवाह ड्राइविंग और प्रतिबंधित इलाकों में बाइक चलाने पर भारी जुर्माना लगाया गया है. अगर कोई ऐसा करता है, तो उसे लगभग 4,50,000 दिरहम का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
दुबई में भारतीय की कार हुई जब्त
इसके अलावा, अगर कोई बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाता है, तो उस पर 30,000 दिरहम तक का जुर्माना हो सकता है, जो भारतीय रुपये में लगभग 6,75,000 के बराबर है. यह सब सख्त कानून इसलिए बनाए गए हैं ताकि लोग नियम तोड़ने की हिम्मत न करें और सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा मिले.
जुर्माना भी हुआ हैरान करने वाला
डॉ. मुस्तफा अलदाह, जो कि MA-Traffic Consulting के संस्थापक हैं, ने कहा कि इन नियमों का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रेरित करना है. इसके अलावा, 29 मार्च से दुबई में एक नया कानून लागू होने जा रहा है, जिसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल से घटाकर 17 साल कर दी जाएगी. अब 17 साल की उम्र में भी लोग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यूएई ऐसा करने वाला GCC क्षेत्र का पहला देश बन गया है.