कौन है बदर खान सूरी? भारतीय जिसे 'हमास का दुष्प्रचार फैलाने' के आरोप में अमेरिका में लिया गया हिरासत में
Badar Khan Suri: भारतीय रिसर्चर बदर खान सूरी को अमेरिका में इमिग्रेशन अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है और उन पर फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के साथ कथित संबंध रखने का आरोप है. अमेरिकी सरकार ने उनका वीजा रद्द कर दिया है और उन्हें देश से निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

Badar Khan Suri: अमेरिका में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में अध्ययनरत भारतीय रिसर्चर बदर खान सूरी को अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है और उन्हें देश से निर्वासित करने की प्रक्रिया जारी है. उनके वकील के अनुसार, बदर खान सूरी को सोमवार रात वर्जिनिया स्थित उनके आवास से नकाबपोश एजेंटों ने गिरफ्तार किया. अमेरिकी सरकार ने उनका वीजा भी रद्द कर दिया है.
होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) ने उन पर फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के पक्ष में सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने और यहूदी विरोधी भावनाएं फैलाने का आरोप लगाया है. हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को साबित करने के लिए कोई प्रत्यक्ष सबूत पेश नहीं किया है.
बदर खान सूरी पर क्या हैं आरोप?
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन का कहना है कि बदर खान सूरी के हमास से करीबी संबंध हैं और वे इसके वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम कर रहे थे. उनके खिलाफ आईएनए की धारा 237(ए)(4)(सी)(आई) के तहत कार्रवाई की जा रही है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 15 मार्च 2025 को एक आदेश जारी कर उनकी गतिविधियों को अमेरिका के लिए खतरा बताया और उन्हें निर्वासित करने का निर्णय लिया.
कौन हैं बदर खान सूरी?
बदर खान सूरी जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिश्चियन अंडरस्टैंडिंग में पोस्ट-डॉक्टरल फेलो हैं. उन्होंने 2020 में जामिया मिलिया इस्लामिया से शांति और संघर्ष अध्ययन (पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज) में पीएचडी की थी.
उनकी पत्नी महीजी साहले अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन उनका मूल संबंध गाजा से है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी सरकार को संदेह है कि बदर खान सूरी और उनकी पत्नी दोनों इज़राइल के खिलाफ अमेरिकी विदेश नीति का विरोध करते हैं. इसी वजह से उनकी पत्नी को भी हिरासत में लिया गया है.
अमेरिका में हिरासत और कानूनी प्रक्रिया
बदर खान सूरी को वर्तमान में लुइसियाना के अलेक्जेंड्रिया में रखा गया है, जहां वे इमिग्रेशन कोर्ट में अपनी सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं. उनके वकील हसन अहमद का कहना है कि उन्हें अनुचित तरीके से गिरफ्तार किया गया है और सरकार के पास कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं.
डीएचएस द्वारा जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि बदर खान सूरी ने सोशल मीडिया के माध्यम से हमास के समर्थन में प्रचार किया और यहूदी विरोधी विचार फैलाए. हालांकि, इस बयान में उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है.
राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं
व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर द्वारा पोस्ट किए गए बयान के अनुसार, अमेरिका में आतंकवाद से जुड़े मामलों में कड़ी कार्रवाई की जा रही है और बदर खान सूरी का निर्वासन इसी नीति का हिस्सा है.
इस मामले ने अमेरिका और भारत दोनों में राजनीतिक चर्चा को जन्म दिया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कानूनी प्रक्रिया आगे कैसे बढ़ती है और क्या बदर खान सूरी अपने ऊपर लगे आरोपों से बच पाते हैं या नहीं.