Eid in Pakistan : 29 जून को ईद-अल-अजहा (Eid al-Adha) का त्योहार मनाया जायेगा. त्योहार की तैयारियों में बाजार सजे हैं. ईद-अल-अजहा में मुसलमान किसी एक जानवर (बकरा, भेड़, बैल या ऊंट) की कुर्बानी देते हैं. पाकिस्तान के बाजार त्योहार के मद्देनजर सजे हुए हैं. लेकिन बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. कारण है महंगाई. पाकिस्तान में महंगाई ने लोगों का बुरा हाल कर रखा है. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति सही नहीं है. ईद के त्योहार में जेब तो ढीली होती ही है. लेकिन महंगाई की वजह पहले ही पाकिस्तान में लोगों की जेबे ढीली हो चुकी हैं. बकरा, भेड़, बैल और ऊंटों को खरीदना पाकिस्तान के लोगों को लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा है. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी में पशुओं की दुकान लगाए बैठे दुकानदारों को खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं. पिछले 2 सप्ताह से ही दुकानदार ढेरा जमाए बैठे हुए हैं लेकिन महंगाई लोगों को बाजार तक आने ही नहीं दे रही है.
जानवरों को सजा रखा है फिर भी नहीं आ रहे खरीदार!
ईद-अल-अजहा के मौके पर दुकानदार, ग्राहकों को लुभाने के लिए ऊंचे-ऊंचे ऊंटों को झालरों व फुंदनों से सजाया है. फिर भी ग्राहक नहीं आ रहे हैं. तमाम दुकनदान ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बकरों, भेड़ों, बैलों और ऊंटों को सजाया है. किसी ने फूलों से सजाया है तो किसी ने रंग -बिरंगी झालरें जानवरों के ऊपर डाल रखी हैं.
महंगाई है जिम्मेदार
पाकिस्तान में महंगाई अपने रिकॉर्ड स्तर पर है. महंगाई की दर रिकॉर्ड तोड़ते हुए 38 फीसदी पहुंच चुकी है. गुरुवार को ईद का त्योहार है. ऐसे में महंगाई लोगों की ईद का जायका फीका कर रही है. इस्लामाबाद में पशु की दुकान लगाए अमानुल्लाह खान ने ऊंटों के पंजों को थिरका रहे हैं, ताकि ग्राहक आकार्षित हो. लेकिन महांगाी के आगे रंगीन बाजार ग्रहकों को भा नहीं रहा हैं. अमानुल्लाह खान के चचेरे भाई जकारिया ने बताया कि पिछले ईद में उन्होंने अच्छी बिक्री की थी. ऊंटों को बेचने से अच्छा मुनाफा कामाया था. इसीलिए इस बार ऊंटों की संख्या बढ़ाकर 18 कर दी है. लेकिन अभी तक सिर्फ एक ही ऊंट बिका है.
बाजार में जाने वाले ग्राहक जाकर लौट आ रहे हैं. खरीदार अकबर जोकि ने कहा कि हमारी आय में कोई इजाफा नहीं हुआ लेकिन जानवरों की कीमतें आसमान झू रही हैं. हम जानवर खरीदने के लिए इतना पैसा कहां से लाएंगे. बताया जा रहा है कि एक ऊंट की कीमत 10 लाख रुपए हो सकती है. First Updated : Wednesday, 28 June 2023