परमाणु हथियार बनाने के करीब पहुंचा ईरान, IAEA ने जारी की नई चेतावनी; पढ़ें चौंकाने वाली खबर
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर गंभीर चिंता जाहिर की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि ईरान तेजी से ऐसा यूरेनियम जमा कर रहा है जो परमाणु हथियार बनाने में सक्षम है. यह खबर न केवल पश्चिम एशिया बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चिंताओं को बढ़ा रही है.
Bahrain: ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताएं बढ़ गई हैं. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी ने हाल ही में चेतावनी दी है कि ईरान तेजी से उच्च स्तर का यूरेनियम जमा कर रहा है, जो परमाणु हथियार निर्माण में सक्षम है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान ने अपने अब तक के सबसे भारी अंतरिक्ष यान के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की. इस घटनाक्रम ने अमेरिका और इजरायल समेत कई देशों की चिंता बढ़ा दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल पश्चिम एशिया की स्थिरता को खतरे में डाल सकता है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती बन सकता है.
पश्चिमी देशों का रिएक्शन
आपको बता दें कि पश्चिमी देशों ने ईरान के हालिया अंतरिक्ष प्रक्षेपण और सिमोर्ग रॉकेट के सफल लॉन्च को उसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की दिशा में एक बड़ा कदम करार दिया है. उनका मानना है कि यह तकनीकी उपलब्धि तेहरान की हथियार क्षमता को और उन्नत कर सकती है. इस बीच, ईरान ने दावा किया है कि उसके परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य पूरी तरह से शांतिपूर्ण है. हालांकि, यूरेनियम संवर्धन के 60% स्तर तक पहुंचने के उसके दावों ने इन देशों की चिंताओं को और गहरा दिया है. पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान संभावित रूप से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु बम बनाने की योजना पर काम कर रहा है. यह स्थिति अमेरिका और अन्य देशों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकती है.
ईरान का रुख और अंतरिक्ष मिशन
वहीं आपको बताते चले कि ईरान ने अपने अंतरिक्ष प्रक्षेपण को अपनी वैज्ञानिक प्रगति के प्रतीक के रूप में पेश किया है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है. ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम ऊर्जा और चिकित्सा जैसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन उसकी परमाणु और मिसाइल क्षमताओं में तेजी से हो रहा विस्तार इस दावे पर सवाल खड़े कर रहा है.
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव की संभावना
इसके अलावा आपको बता दें कि ईरान की गतिविधियों के चलते पहले से ही अस्थिर पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका है. गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच, ईरान का परमाणु कार्यक्रम क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ा सकता है. लेबनान में हाल ही में युद्धविराम के बावजूद हो रहे हमलों ने भी तनाव को और हवा दी है.
इस बीच, ईरान अमेरिका के साथ वार्ता की संभावनाओं पर काम कर रहा है. नव-निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार से ईरान ने संभावित बातचीत की उम्मीद जताई है. गौरतलब है कि अपने पिछले कार्यकाल में ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था, जिससे तनाव और गहरा गया था.
बहरहाल, IAEA की यह चेतावनी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ा अलार्म है. यदि ईरान अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर अपनी महत्वाकांक्षाओं पर लगाम नहीं लगाता, तो यह स्थिति पश्चिम एशिया में बड़े संघर्ष को जन्म दे सकती है. साथ ही, अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों को इस संकट का समाधान निकालने के लिए रणनीतिक वार्ता और कूटनीति का सहारा लेना होगा.