डर गए ड्रैगन? 12.3 अरब डॉलर का निवेश, 43 देश, 206 प्रोजेक्ट... भारत के 'मिशन अफ्रीका' ने चीन में मचाई हलचल!
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अफ्रीकी देशों में 75 अरब डॉलर का निवेश किया और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए अपनी उपस्थिति मजबूत की है. इसके साथ ही, भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ गहरे आर्थिक और ऊर्जा साझेदारी समझौते भी किए हैं.

अफ्रीका की खनिज संपदाओं पर चीन की आक्रामक नज़रें इस समय भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बनीं. लेकिन अब भारत ने अपनी कूटनीतिक और आर्थिक रणनीतियों के जरिए अफ्रीकी देशों में तेजी से कदम जमाए हैं, जिससे चीन को करारा झटका लगा है. सेंटर फॉर सोशल इकोनॉमिक प्रोग्रेस (CSEP) की हालिया रिपोर्ट से पता लगा है कि भारत ने अफ्रीका में निवेश बढ़ाया है. इसने चीन की जियो-पॉलिटिकल रणनीतियों को ना केवल काउंटर किया है, बल्कि अफ्रीकी देशों के साथ रिश्तों को भी और मजबूत किया है. खासतौर पर, भारत का मिशन अफ्रीका अब खनिज संपदाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जिसमें तांबा, लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे आवश्यक खनिजों का अधिग्रहण शामिल है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ अपने संबंधों को और गहरा किया है, जिससे भविष्य में खनिजों की सप्लाई चेन पर कोई संकट नहीं आएगा. भारत की ये कूटनीतिक सफलता चीन के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि अफ्रीका में चीन की विस्तारवादी नीति अब मुश्किल में पड़ती दिख रही है.
अफ्रीकी देशों में भारत की बढ़ती मजबूती
भारत ने अफ्रीका में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. CSEP की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने अफ्रीकी देशों में 75 अरब डॉलर के निवेश किए हैं. इसके अलावा, भारत अब अफ्रीकी देशों में टॉप-5 निवेशक देशों में शामिल हो गया है. भारत ने अफ्रीकी देशों में 16 नए मिशन खोले हैं, जिससे भारतीय मिशनों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. भारत सरकार की ये रणनीति अफ्रीकी देशों के साथ राजनीतिक और व्यापारिक रिश्तों को बढ़ावा देने में सफल रही है, जिसका फायदा भारत को मिल रहा है.
भारत का 'मिशन अफ्रीका'
भारत का 'मिशन अफ्रीका' अब महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच हासिल करने का एक प्रमुख उद्देश्य बन चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2030 तक भारत में खनिजों की मांग में 4 गुना इजाफा होने की संभावना है. वर्तमान में, भारत के पास 5.9 मिलियन टन लिथियम अयस्क मौजूद हैं, जो कुछ समय के लिए भारत की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल करने में समय लगेगा. ऐसे में भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को और मजबूत किया है, ताकि इन खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके.
अफ्रीका में भारत के बढ़ते आर्थिक संबंध
भारत के अफ्रीकी देशों के साथ आर्थिक संबंध और भी गहरे हो गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अफ्रीकी देशों को 12.3 अरब डॉलर के रियायती ऋण दिए हैं और 700 मिलियन डॉलर की अनुदान सहायता भी प्रदान की है. इसके अलावा, भारत ने ऊर्जा साझेदारी के तहत अफ्रीकी देशों के साथ नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में समझौते किए हैं. भारतीय उद्योग परिसंघ की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अफ्रीका के बीच खनिजों और खनन क्षेत्रों में कुल व्यापार 43 अरब डॉलर का हो चुका है.