बीते एक साल से ईरान अपने प्रॉक्सी संगठनों के जरिए इजराइल के खिलाफ जंग लड़ रहा है, लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिली. अब ईरान ने इजराइल को दहलाने के लिए नई योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान के जासूस इजराइल में सक्रिय हैं और वे फिदायीन हमले कराने की कोशिश कर सकते हैं. यह उनके पहले चरण की तैयारी है.
हाल ही में एक घटना हुई, जिसमें 27 अक्टूबर को एक ट्रक ने गलिलोत सैन्य बेस के पास बस स्टॉप पर खड़े लोगों को कुचल दिया. इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई और 50 लोग घायल हुए. इजराइल का कहना है कि यह एक आतंकी हमला था, न कि हादसा. तस्वीरों में दिखता है कि ट्रक ने अचानक तेज रफ्तार में लोगों को कुचला और फिर बस से टकरा गया. इसके बाद गुस्साए लोगों ने ट्रक ड्राइवर को पकड़कर पीट-पीटकर मार डाला.
हमलावर की पहचान रामी नसरल्लाह के रूप में हुई है, जो इजराइल के कलानसावे का निवासी था और कई गंभीर अपराधों में जेल जा चुका था. इजराइल ने इसे आतंकी हमला मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं. मंत्री इतामार बेन ग्विर ने कहा कि इस घटना की जांच एक आतंकी हमले के रूप में होगी.
इस हमले से जुड़ी जांच में यह भी सामने आया है कि इजराइल में 7 ईरानी एजेंट्स को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक इजराइली सैनिक भी है. ये एजेंट पिछले 2 साल से ईरान के लिए जासूसी कर रहे थे और लगभग 600 मिशन पूरे कर चुके थे. उनके संपर्क में इजराइल के कई लोग और वेस्ट बैंक के नागरिक भी थे, जिन्हें पैसे का लालच देकर लोन वुल्फ अटैक के लिए तैयार किया जा रहा था.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस सब में तुर्किए की मदद भी शामिल है. तुर्किए के माध्यम से ही एजेंट्स ईरान को जानकारी पहुंचाते हैं और मिशन के लिए पैसा भी भेजा जाता है. पिछले एक साल से ईरान प्रॉक्सी के जरिए इजराइल से जंग लड़ रहा है, लेकिन अब ईरानी एजेंट्स लोन वुल्फ अटैक को अपना मुख्य हथियार बना सकते हैं. हाल में हुई घटना इस बात का संकेत है. First Updated : Tuesday, 29 October 2024