Israel-Iran War: ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसियों के हालिया इनपुट्स के मुताबिक, ईरान ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ बड़े हमले की योजना बनाई है. ईरान ने अपने स्लीपर सेल अमेरिका, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, इटली, फ्रांस, ग्रीस, तुर्किये, बेल्जियम, डेनमार्क, सऊदी अरब, जर्मनी और स्वीडन सहित कई देशों में तैनात कर दिए हैं. इन स्लीपर सेल्स को निर्देश देने के लिए तेहरान में अंडरग्राउंड बंकर से कमांड दी जा रही है, जिससे इजराइल और अमेरिका पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है.
खबरों के अनुसार, ईरान की योजना सिर्फ इजराइल पर मिसाइलों से हमला करने की नहीं है बल्कि उसके बाहर भी इसके ठिकानों को निशाना बनाना है. ईरान ने इजराइल के साथ-साथ अमेरिका को भी टारगेट किया है. ईरान की सेना और उसके स्लीपर सेल्स एक साथ तीन मोर्चों पर इजरायल और अमेरिका के खिलाफ हमले की योजना बना रहे हैं.
1. इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला: ईरान, इजराइल में सीधी मिसाइलों से हमला करने की योजना बना रहा है, जिससे इजराइल की सैन्य शक्ति कमजोर हो सके.
2. दूतावास पर हमले: अमेरिका और यूरोप में स्थित इजरायली दूतावास को भी निशाना बनाने की योजना बनाई गई है.
3. मध्य-पूर्व में अमेरिकी सैन्य बेस पर हमला: अरब में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर भी ईरान की नजर है. ईरान के स्लीपर सेल्स को इन ठिकानों पर आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी दी गई है.
ब्रिटिश इंटेलिजेंस की रिपोर्ट पर मुहर तब लगी, जब तेल अवीव में ईरान के आत्मघाती हमले शुरू हुए. ग्लिलॉत सैन्य बेस के पास एक ट्रक ड्राइवर ने अपने ट्रक से इजराइली सैनिकों पर हमला कर दिया, जिससे करीब 10 सैनिकों की मौत और 50 से ज्यादा घायल हो गए. हमले के बाद इजराइली सुरक्षाबलों ने ट्रक ड्राइवर को मौके पर ही मार गिराया. इजराइल की सुरक्षा एजेंसियां अब हाईअलर्ट पर हैं और ईरान के स्लीपर सेल्स को ढूंढ रही हैं.
ईरान के स्लीपर सेल्स सिर्फ इजराइल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अमेरिका और यूरोप के कई देशों में भी सक्रिय हैं. ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसियों ने बताया है कि अमेरिका और यूरोप के कई देशों में ईरान ने अपने स्लीपर सेल्स तैनात किए हैं. इनमें अमेरिका और यूरोपीय देशों के इजराइली दूतावास और अमेरिकी ठिकाने शामिल हैं. इसका मकसद दुनियाभर में अपने प्रभाव का विस्तार और अपने दुश्मनों को सबक सिखाना है.
ईरान के स्लीपर सेल्स और फिदायीन हमलावरों को फंडिंग और सहायता ईरान की कुद्स फोर्स करती है. कुद्स फोर्स के प्रमुख इस्माइल कानी, अंडरग्राउंड बंकर से स्लीपर सेल्स को निर्देश दे रहे हैं और उन्हें अपने टारगेट्स की जानकारी दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान और उसके स्लीपर सेल्स का इजरायल और अमेरिका के खिलाफ यह सबसे खतरनाक चरण है, जिसमें आत्मघाती हमले शामिल हैं. अगर इसे नहीं रोका गया, तो आने वाले समय में यह संघर्ष और भी हिंसक हो सकता है, जिससे दुनिया भर में अस्थिरता फैल सकती है. First Updated : Monday, 28 October 2024