सीरिया में छिपा ईरान का मिसाइल अड्डा, इजरायल ने "ऑपरेशन मैनी वेज़" में किया तबाह

सीरिया में राष्ट्रपति बशर-अल-असद के अपदस्थ होने के बाद इजरायली सेना के अंडरकवर ऑपरेशन में बड़ा खुलासा हुआ है. इजरायली सेना के इस गुप्त अभियान के दौरान सीरिया में ईरान का बड़ा अंडरग्राउंड मिसाइल निर्माण ठिकाना मिला है, जिसे आईडीएफ ने नष्ट कर दिया है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

इजरायली सेना ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद के सत्ता से हटने के बाद एक बड़ा गुप्त ऑपरेशन चलाया. इस दौरान उन्हें सीरिया में एक बड़े मिसाइल प्लांट का पता चला, जहां सैकड़ों मिसाइलें तैयार की जा रही थीं. इजरायली सेना ने केवल तीन घंटे में इस प्लांट पर हमला करके उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया. इस ऑपरेशन में 120 इजरायली कमांडो शामिल थे. इजरायल की सेना के अनुसार, इस मिसाइल केंद्र में 100 से 300 मिसाइलों के निर्माण की क्षमता थी और यह पूरी तरह से भूमिगत था. यह प्लांट हमास, हिजबुल्लाह और सीरिया को मिसाइलें देने का गुप्त केंद्र था.

इस ऑपरेशन को इजरायल ने "ऑपरेशन मैनी वेज़" नाम दिया था, जिसे 8 सितंबर 2024 को गुपचुप तरीके से शुरू किया गया. यह मिसाइल प्लांट ईरान से वित्तपोषित था और इजरायली सेना ने इस पर छापा मारकर इसे नष्ट कर दिया. इजरायली सेना ने इस मिशन का एक वीडियो भी जारी किया है.

यहां बना रखा था ठिकाना

यह मिसाइल प्लांट पश्चिमी सीरिया के मसयाफ क्षेत्र में स्थित था, जो सीरियाई वायुसेना का मुख्य केंद्र भी है. इसे "डीप लेयर" कहा जाता है. इजरायली अधिकारियों का कहना है कि यह प्लांट ईरान के मिसाइल निर्माण कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा था, जिसका उद्देश्य हिजबुल्लाह और असद शासन को सटीक मिसाइलों की आपूर्ति करना था. इजरायल ने दावा किया कि इस ऑपरेशन के दौरान इजरायली सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ.

मिसाइल प्लांट का निर्माण 2017 में शुरू

ईरान ने इस मिसाइल प्लांट का निर्माण 2017 में शुरू किया था, जब इजरायली सेना ने सीरिया के जमराया इलाके में एक रॉकेट इंजन निर्माण स्थल पर हवाई हमला किया था. इसके बाद ईरान ने अपनी मिसाइल निर्माण प्रक्रिया को भूमिगत कर दिया. 2021 तक यह साइट पहाड़ों में 70 से 130 मीटर नीचे पूरी तरह से तैयार हो गई थी.

भूमिगत रहकर ईरान कर रहा था मिसाइल निर्माण

इस गुप्त मिसाइल प्लांट में तीन मुख्य प्रवेश द्वार थे: एक कच्चे माल के लिए, एक तैयार मिसाइलों के लिए, और तीसरा रसद और कार्यालयों तक पहुंच के लिए. यहां 16 उत्पादन कक्ष थे, जिनमें मिसाइल बॉडी निर्माण, रॉकेट ईंधन मिश्रण, और पेंट रूम शामिल थे. इजरायल का अनुमान है कि इस साइट से हर साल 100 से 300 मिसाइलें बनाई जा सकती थीं, जो 300 किलोमीटर तक लक्ष्य पर वार कर सकती थीं.

भूमिगत मिसाइल निर्माण स्थल में मिले 3 गेट

यह मिसाइल प्लांट इजरायली सीमा से केवल 200 किमी उत्तर और सीरिया के पश्चिमी तट से 45 किमी दूर था, जो हिजबुल्लाह को सीधे मिसाइलों की आपूर्ति करने में मदद करता था. इजरायली सेना ने वर्षों तक इस स्थान की निगरानी और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. अक्टूबर 2023 में शुरू हुए मल्टीफ्रंट युद्ध के दौरान यह ऑपरेशन और तेज़ हो गया.

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03 January 2025, 04:12 PM IST

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