"क्या अली खामेनेई वाकई कोमा में हैं, या ये सिर्फ अफवाहें हैं? जानें पूरी सच्चाई!"
85 वर्षीय सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई की तबियत को लेकर सोशल मीडिया पर दावे हो रहे हैं कि वे कोमा में हैं. न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद ये अफवाहें और भी बढ़ गई हैं, जबकि विशेषज्ञों ने इन्हें झूठा बताया है. जानें, क्या वाकई खामेनेई की हालत इतनी गंभीर है या ये महज अफवाहें हैं? पूरी सच्चाई पढ़ें.
Ali Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई की तबियत को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. 85 साल के खामेनेई को लेकर हाल में यह दावा किया जा रहा है कि वे गंभीर रूप से बीमार हैं और यहां तक कि कोमा में चले गए हैं. इस चर्चा को और हवा तब मिली, जब न्यू यॉर्क टाइम्स ने पिछले महीने अपनी रिपोर्ट में कहा कि खामेनेई की हालत नाजुक है. इसके बाद से ही यह अफवाहें चल रही हैं कि खामेनेई अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत बिगड़ती जा रही है. लेकिन इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
क्या है न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट?
न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी 27 अक्टूबर की रिपोर्ट में बताया था कि अली खामेनेई किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और उनकी तबियत में लगातार गिरावट देखी जा रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि उनके उत्तराधिकारी के रूप में उनके बड़े बेटे मोजतबा खामेनेई का नाम सामने आ रहा है। हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया कि खामेनेई कोमा में हैं या उनकी हालत इतनी गंभीर है कि उनकी मृत्यु का खतरा बढ़ गया है। फिर भी, न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद से ही सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर चर्चाएं तेज हो गईं.
Tweets about how #Iran's regime's supreme leader is in a coma or has even died are all over my timeline. There is not one credible news outlet which has reported as such. So please be careful what you post. Khamenei was last seen in public on November 7.
— Jason Brodsky (@JasonMBrodsky) November 16, 2024
And I see somehow…
सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है?
सोशल मीडिया पर खामेनेई की तबियत को लेकर कई भ्रामक तस्वीरें और खबरें वायरल हो रही हैं. इनमें से कुछ पुरानी तस्वीरों को यह कहकर साझा किया जा रहा है कि खामेनेई अस्पताल के बिस्तर पर पड़े हुए हैं और कोमा में हैं. हालाँकि, जांच में यह पता चला कि ये तस्वीरें असल में 2014 की हैं और इनका मौजूदा घटनाओं से कोई संबंध नहीं है.
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
यूनीटेड अगेंस्ट न्यूक्लियर ईरान (UANI) के नीति निदेशक, जेसन ब्रॉडस्की ने इन अफवाहों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि खामेनेई के कोमा में होने की खबरें झूठी हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने ट्वीट करके बताया कि उनकी टाइमलाइन पर खामेनेई की मृत्यु या कोमा में होने के दावे वायरल हो रहे हैं, लेकिन इनमें कोई विश्वसनीयता नहीं है. उन्होंने कहा कि आखिरी बार खामेनेई को 7 नवंबर को सार्वजनिक रूप से देखा गया था और तब से उनकी तबियत को लेकर किसी गंभीर जानकारी की पुष्टि नहीं हुई है.
ईरान-इजराइल के बीच तनाव
यह रिपोर्ट उस समय सामने आई है, जब ईरान और इजराइल के बीच तनाव अपने चरम पर है. पिछले महीने ईरान ने इजराइल पर मिसाइल हमला किया था, जिसके जवाब में इजराइल ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए. ऐसे माहौल में खामेनेई की तबियत को लेकर अफवाहें और भी जोर पकड़ रही हैं और लोग इस पर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान की राजनीतिक स्थिरता पर इस तरह की अफवाहें गहरा असर डाल सकती हैं.
अफवाहों से बचने की जरूरत
फिलहाल, खामेनेई की तबियत को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और उनकी मृत्यु या कोमा में होने की खबरों पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए. सोशल मीडिया पर बिना सत्यापित जानकारी के फैलती अफवाहें कभी-कभी समाज में भ्रामक स्थिति पैदा कर देती हैं. इसलिए जरूरी है कि जब तक ईरान सरकार या कोई विश्वसनीय स्रोत इस बारे में कोई आधिकारिक बयान न दे, तब तक इस तरह की खबरों पर ध्यान न दें.