ट्रंप की जीत के पीछे है रूस का हाथ? FBI के बयान के बाद छिड़ी बहस
US Elections: एफबीआई ने चुनाव के दिन कई राज्यों में मतदान स्थलों पर बम धमकियों की जानकारी दी, जो रूस से भेजी गईं थीं. 2016 और 2020 के चुनावों में भी ट्रंप की जीत में रूस के कथित सहयोग का दावा किया गया था. अब 2024 में रूस के हस्तक्षेप के आरोप एक बार फिर से चर्चा में हैं.
US Elections: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में रूस का दखल एक बार फिर चर्चा में है. एफबीआई ने चुनाव के दिन कई राज्यों में मतदान स्थलों पर बम धमकियों की जानकारी दी, जो रूस से भेजी गईं थीं. इन घटनाओं ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा किया है कि क्या रूस ट्रंप की जीत में भूमिका निभा रहा है?
रूस पर अमेरिकी चुनावों में दखल का आरोप नया नहीं है, लेकिन इस बार भी ऐसी धमकियां और प्रचार सामने आने से बहस तेज हो गई है. खुफिया रिपोर्ट्स और अमेरिकी एजेंसियों का मानना है कि रूस चुनाव में ट्रंप का समर्थन करने की कोशिश कर रहा है ताकि यूक्रेन को मिलने वाली मदद पर रोक लग सके.
वोटिंग के दिन बम धमकियों से हड़कंप
एफबीआई के अनुसार, जब 5 नवंबर को कई अमेरिकी राज्यों में वोटिंग हो रही थी, जॉर्जिया, मिशिगन, एरिजोना और विस्कॉन्सिन के मतदान स्थलों पर बम धमकी वाले ईमेल मिले. जांच में पाया गया कि ये धमकियां रूस से भेजी गई थीं, हालांकि ये सभी फर्जी थीं. एफबीआई ने अपने बयान में कहा कि इनमें कोई वास्तविक खतरा नहीं था. लेकिन इन धमकियों ने रूस के दखल के संदेह को बढ़ा दिया है.
चुनाव में हस्तक्षेप के आरोप
रूस पर 2016 से लेकर अब तक कई बार अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोप लगे हैं. इस बार भी धमकी भरे ईमेल और प्रचार को लेकर अमेरिका में बहस छिड़ गई है. वहीं, रूस ने इन आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण’ बताया है. अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों को लेकर रूस के दूतावास ने कहा कि रूस ने कभी किसी देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दिया है और ये सब गलत आरोप हैं.
खुफिया एजेंसियों का दावा
अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने 2024 के चुनाव से पहले कई रिपोर्ट्स में दावा किया कि रूस ने बाइडेन और डेमोक्रेट नेताओं के खिलाफ फेक प्रोपेगैंडा शुरू कर दिया है. अप्रैल में एक रिपोर्ट में कहा गया कि रूस ट्रंप की जीत चाहता है ताकि यूक्रेन को मिलने वाली आर्थिक और सैन्य सहायता पर रोक लग सके.
1 करोड़ डॉलर की रिश्वत का आरोप
सितंबर 2024 में अमेरिकी अटॉर्नी जनरल ने रूस की सरकारी मीडिया चैनल RT पर अमेरिकी फर्म को 1 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया. आरोप था कि इस रकम के जरिए रूस अमेरिकी जनता को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है ताकि उसके एजेंडे को फैलाया जा सके.
रूस के लिए ट्रंप की जीत क्यों है फायदेमंद?
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि ट्रंप की जीत यूक्रेन के लिए बुरी खबर होगी. ट्रंप ने पहले भी कई बार कहा है कि वह यूक्रेन को दी जाने वाली आर्थिक और सैन्य मदद बंद कर देंगे. दूसरी ओर, बाइडेन प्रशासन रूस के प्रति सख्त है और यूक्रेन को हर तरह से सहायता दे रहा है. ट्रंप का व्हाइट हाउस में लौटना रूस के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे रूस पर लगे प्रतिबंधों में भी नरमी आ सकती है.