Israel-Hamas War: इजरायल अपने दुश्मनों से बदला देने और उन्हें चुन-चुनकर खत्म करने के लिए जाना जाता है. सात अक्टूबर को हमास के हमले में 1400 से ज्यादा इजरायली लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल भी हुए है. वहीं, दर्जनों नागरिकों को हमास ने बंधक बनाया हुआ है. इस बीच खबर है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और शिन बेत ने हमास से बदला लेने के लिए खास कमांडो यूनिट बनाई है. निली नाम की यूनिट का मकसद इजरायल पर हमला करने वाले हमास के आतंकियों से चुन-चुनकर बदला लेना है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नई यूनिट का नाम प्रथम विश्व युद्ध के दौरान खुफिया यहूदी संगठन 'निली' के नाम पर रखा गया है. निली यूनिट 'रैथ ऑफ गॉड' की तरह हमास के आतंकियों से चुन-चुनकर बदला लेने के लिए बनाई गई है. इस यूनिट का काम इजरायल में हुए नरसंहार में शामिल हमास के हर लड़ाके का सफाया करना है. निली यूनिट हमास की नुखबा यूनिट के लड़ाकों को खत्म करने के लिए तैयार की गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निली यूनिट को इजरायल पर हमला करने वाली हमास की नुखबा यूनिट के लड़ाकों का खात्मा करने का जिम्मा सौंपा है. बता दें कि सात अक्टूबर को नुखबा यूनिट के लगभग 2500 लड़ाकों ने इजरायल की सीमा में घुसकर लोगों की हत्या की थी. इस हमले में 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 200 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था.
दरअसल, 1972 के ओलंपिक खेलों में फलस्तीन के आतंकियों ने खेलगांव में ठहरे इजरायली खिलाड़ियों को बंधक बनाने के बाद हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ऑपरेशन 'रैथ ऑफ गॉड' शुरू किया था. इस ऑपरेशन के जरिए मोसाद ने इजरायली नागरिकों और खिलाडियों की हत्या का बदला लिया था. मोसाद ने दुनिया भर में छिपे अपने दुश्मनों को चुन-चुनकर मौत के घाट उतारा था. तब से दुनिया भर में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का नाम चर्चाओं में आया था. मोसाद को दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी माना जाता है. दुनिया भर में मोसाद के एजेंट फेले हुए हैं. First Updated : Monday, 23 October 2023