Israel vs Iran: पिछले हफ्ते इजराइल ने ईरान पर एक बड़े हवाई हमले को अंजाम दिया, जिसमें ईरान की मिसाइल सुविधाओं और सैन्य ठिकानों पर जमकर बमबारी की गई. इस हमले से ईरान को भारी नुकसान हुआ है, खासतौर पर उसके वायु रक्षा प्रणाली S-300 को. रिपोर्टों के अनुसार, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान पर हुए हमले ने उसकी रक्षा क्षमताओं को काफी हद तक कमजोर कर दिया है.
सूत्रों का कहना है कि इस हमले में ईरान के पास मौजूद कुल चार में से तीन S-300 सिस्टम नष्ट हो गए हैं, जबकि इजराइल ने साल के शुरू में एक S-300 पहले ही नष्ट कर दिया था. इस हमले से ईरान के उन गुप्त ठिकानों को भी नुकसान पहुंचा है जहां पर परमाणु गतिविधियां चल रही थीं.
अमेरिकी प्रशासन के एक सूत्र ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को जानकारी दी कि इजरायली विमानों ने सफलतापूर्वक अधिकांश मिसाइलें अपने निर्धारित लक्ष्यों पर गिराईं. यह भी बताया गया कि ईरानी अवरोधन उपायों का इजरायली हमले पर खास प्रभाव नहीं पड़ा. इज़राइल के इस हमले ने ईरान की वायु रक्षा क्षमताओं को काफी हद तक कमजोर कर दिया है.
इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (आईएसडब्ल्यू) के अनुसार, इस हमले में तेहरान के पास स्थित इमाम खुमैनी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मौजूद एक S-300 साइट भी प्रभावित हुई. कुल मिलाकर तीन से चार S-300 साइटों को निशाना बनाया गया था.
S-300, जो सोवियत संघ द्वारा 1970 के दशक में विकसित की गई थी, सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली है. इसे सोवियत वायु रक्षा बलों के लिए हवाई हमलों और क्रूज मिसाइलों से बचाव के लिए बनाया गया था. इसका उपयोग रूस, यूक्रेन और अन्य पूर्वी ब्लॉक देशों के साथ-साथ चीन और ईरान द्वारा भी किया जाता है.
ईरान को अपने S-300 सिस्टम को बदलने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. रूस से अधिक उन्नत S-400 सिस्टम हासिल करने की कोशिश के बावजूद, मौजूदा परिस्थितियों में यह ईरान के लिए संभव नहीं दिखता. रूस फिलहाल यूक्रेन में अपनी सैन्य गतिविधियों में व्यस्त है, जिसके चलते उसे अपने सभी वायु रक्षा संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना पड़ रहा है. First Updated : Tuesday, 29 October 2024