हमास की एक गुस्ताखी..., गाजा पूरी तरह हो गया तबाह, जंग में जल गईं 50 हजार जिंदगियां
इस संघर्ष की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई थी, जब हमास ने इजरायल पर राकेट हमले किए थे, जिससे इजरायल में बड़ी तबाही मची थी. इन हमलों में इजरायल में 1200 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग बंधक बना लिए गए थे.

Israel-Hamas war: इजरायल और हमास के बीच संघर्ष 18 महीने से अधिक समय से जारी है और इस दौरान गाजा में भारी तबाही हुई है. इजरायल की सेना ने हमास को खत्म करने के लिए युद्ध की शुरुआत की थी, लेकिन इस संघर्ष में हमास का खात्मा तो नहीं हो पाया, बल्कि हजारों निर्दोष फिलिस्तीनी नागरिकों की जान जा चुकी है. फिलिस्तीनी मौतों की संख्या इजरायली मौतों से कहीं ज्यादा है, जिससे गाजा में मानवाधिकारों और मानवीयता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.
आंकड़ों के अनुसार, इजरायल ने एक इजरायली नागरिक की मौत के बदले में 4200 फिलिस्तीनियों की जान ली है. यह संख्या आधिकारिक रूप से पुष्टि किए गए मौतों की है और वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है. हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेढ़ साल के संघर्ष में गाजा में 50,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. इस बीच, इजरायल ने एक बार फिर से गाजा पर बड़े हमले शुरू किए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को फिर से अपने घरों से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इजरायल की सेना ने उत्तरी, मध्य और दक्षिणी गाजा में भी भारी बमबारी की, जिसमें कम से कम 30 फिलिस्तीनी मारे गए.
एक मौत के बदले 4200 फिलिस्तीनियों की मौत
इजरायल सरकार ने अपने देश में हुए हमले के बाद मृतकों की संख्या जारी की थी, लेकिन गाजा में हुई मौतों का आंकड़ा बहुत अधिक है. अगर हम दोनों पक्षों की मौतों के आंकड़ों का तुलनात्मक विश्लेषण करें, तो यह पता चलता है कि एक इजरायली नागरिक की मौत के बदले इजरायली सेना ने लगभग 4200 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान ली है.
बंधकों को नहीं छोड़ रहा हमास
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस युद्ध का उद्देश्य हमास का खात्मा बताया था, लेकिन अब उनका कहना है कि उनका लक्ष्य बचे हुए बंधकों को मुक्त कराना है. हमास ने आरोप लगाया है कि इजरायल ने संघर्ष विराम के समझौते को तोड़ा है, और वह गाजा से अपनी सेना की वापसी और वार्ता शुरू करने में असफल रहा है. हमास अब भी बातचीत के लिए तैयार है और अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा तैयार किए गए समझौते प्रस्तावों पर विचार करने की बात कर रहा है.