Israel Hamas War: इजराइल हमास युद्ध में गाजा के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. पानी, बिजली, दवा और जरूरी उपकरणों के अभाव में मरीज मर रहे हैं. अल-अहली अस्पताल पर हमला किसने किया, इसके बारे में अलग-अलग दावे हो सकते हैं, लेकिन यह दिल दहला देने वाली सच्चाई है कि वहां कम से कम 500 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. मलबे के नीचे से अभी और शव मिल सकते हैं.
अस्पताल के बाहर हाहाकार
हालात इतने ज़्यादा खराब हैं कि सभी चीखते-चिल्लाते मरीजों का बिना बेहोश किए ऑपरेशन किया जा रहा है. सिर्फ इसलिए ताकि उनकी जान बचाई जा सके. अल-अहली अस्पताल पर हमला किसने किया, इसके बारे में अलग-अलग दावे हो सकते हैं, लेकिन यह दिल दहला देने वाली सच्चाई है कि वहां कम से कम 500 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. मलबे के नीचे से अभी और शव मिल सकते हैं.
अस्पताल में सांसें जारी रखने की जंग
इजरायल भले ही हवाई हमलों के जरिए 7 अक्टूबर को हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए जंग लड़ रहा हो, लेकिन तमाम मुश्किलों के बीच अल-अहली अस्पताल में जिंदा बचे लोगों की सांसें जारी रखने की जंग भी चल रही है. जिनकी सांसें थम चुकी हैं, उन्हें पहचान के लिए प्लास्टिक बैग में डालकर बड़े हॉल में रखा जा रहा है. कई ऐसे बदनसीब लोग हैं जिन्हें बिना पहचान के बैग में भरकर कब्रिस्तान भेजा जा रहा है, क्योंकि मलबे से बरामद उनके शवों की हालत ऐसी नहीं है कि उनकी पहचान की जा सके. उनमें से कुछ के तो सिर्फ टुकड़े ही बाहर आ रहे हैं.
दवाओं और उपकरणों की कमी
इस वक्त गाज़ा के जो हालात हैं उससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में दवाओं की जरूरत है साथ ही बिस्तरों, एनेस्थीसिया की जरूरत है. हमें इलाज के लिए जरूरी हर चीज की जरूरत है. पानी और बिजली की नियमित आपूर्ति कई दिनों से बाधित है. वहीं, जनरेटर चलाने के लिए केवल कुछ घंटों का ईंधन बचा है. अगर ये सब ऐसा ही चलता रहा तो मजबूरन अस्पताल को बंद करना पड़ेगा. First Updated : Thursday, 19 October 2023