Israel Hamas War: अब बीच ने नहीं पड़ना चाहता अमेरिका, इजरायल के जमीनी हमले को लेकर जो बाइडन ने कही बड़ी बात
Israel Hamas War: सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था. इसके बाद से इजरायल गजा में लगातार कार्रवाई कर रहा है. इस संघर्ष में दोनों पक्षों के 7000 से ज्यादा लोग मारे गए.
Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध को दो हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है. जारी संघर्ष में मरने वालों का आकंडा सात हजार के पार पहुंच गया है. गजा में इजरायल की कार्रवाई को देखते हुए लग रहा है कि ये संघर्ष थमने की बजाय लगातार और तेज हो रहा है. वहीं, इजरायल ने गजा में जमीनी हमला करने का प्लान भी तैयार कर लिया है. बताया जा रहा है कि इजरायल जल्द ही जमीनी कार्रवाई को अंजाम दे सकता हैं. जबकि कई देश इजरायल को हमला न करने की सलाह दे रहे हैं. अब ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्पष्ट कर दिया है कि इजरायल अपने फैसले खुद ले सकता हैं.
मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के साथ फोटो खिंचवा रहे थे. इस बीच जो बाइडन से सवाल किया गया कि 'क्या आप इजरायल से अपने जमीनी आक्रमण में देरी करने का आग्रह कर रहे हैं?' इस पर राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, इजरायल अपने फैसले खुद ले सकता हैं.
तीन चरणों में हमले का प्लान
बीते हफ्ते इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने गजा में सुरक्षा शासन को बदलने के साथ ही यहूदी राष्ट्र की योजना बनाई है. इसका मतलब गजा से हमास को हटाना है. साथ ही तीन चरणों में हमले की योजना तैयार की गई थी. योआव गैलेंट ने कहा कि इजरायली डिफेंस फोर्स योजना के पहले चरण में हवाई हमले कर रही है. इसके बाद जमीनी हमले होंगे और आखिरी चरण में गजा की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव होगा.
सात हजार से ज्यादा की मौत
हमास ने सात अक्टूबर को अचानक से इजरायल पर हमला बोल दिया था. हमास के हमले के तुरंत बाद इजरायल ने गजा में जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी थी, जो अब तक भी चल रही है. हमास के हमले में 1400 से ज्यादा इजरायली लोगों की जाने चली गई थी और 200 से ज्यादा लोगों को हमास ने बंधनक बनाया हुआ है. जबकि गजा में इजरायली सेना की कार्रवाई में अब तक 5800 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालो में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल है.
माना जा रहा है कि इजरायल की कार्रवाई में ज्यादातर निर्दोष नागरिक मारे जा रहे है. इसलिए अब ज्यादातर देश खुलकर इजरायल का समर्थन नहीं कर रहे है. जबकि कुछ लोग फलस्तीनी लोगों को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं. साथ ही इजरायल से युद्धविराम की अपील भी कर रहे हैं.