Israel Hamas War: गजा में मानवीय आधार पर संघर्षविराम का प्रस्ताव UNGA में पारित, विरोध में पड़े 14 वोट

Israel Gaza War: संयुक्त राष्ट्र महासभा में मानवीय आधार पर गजा में संघर्षविराम का प्रस्ताव पास हो गया है. इसके पक्ष में 120 वोट पड़े है. भारत, ब्रिटेन समेत 45 देशों ने म​तदान में भाग नहीं लिया है.

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Israel Hamas War: इजरायल और हमास युद्ध बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में मानवीय आधार पर गजा पट्टी में संघर्षविराम का प्रस्ताव पास हो गया है. जॉर्डन की ओर से पेश प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया. इसके पक्ष में पक्ष में 120 वोट पड़े हैं, जबकि विरोध में सिर्फ 14 वोट डाले गए. वहीं भारत, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी समेत 45 देशों ने मतदान नहीं किया हैं, जबकि अमेरिका ने प्रस्ताव के विरोध में वोटिंग की.

प्रस्ताव में इजरायल और हमास के बीच मानवीय आधार पर तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया गया. इसके साथ ही ये प्रस्ताव बिना किसी रुकावट के गजा के नागरिकों तक बिजली, पानी, खाने-पीने जैसी मानवीय सहायता पहुंचाने का भी आह्वान करता है. दरअसल, गजा की 23 लाख आबादी में के सामने इस समय सबसे बड़ा संकट पानी, ईंधन और खाने पीने का बना हुआ है. 

भारत समेत कई देशों ने बनाई दूरी

भारत, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा समेत 45 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया. यूएनजीए में कनाडा ने इजरायल पर हमास के हमले की निंदा के लिए प्रस्ताव में एक संशोधन पेश किया था, जिसे खारिज कर दिया गया. वहीं, चौंकाने वाली बात ये है कि हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल का मजबूती से समर्थन करने वाले ब्रिटेन, जर्मनी और भारत मतदान में मौजूद नहीं रहे. संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर ने प्रस्ताव का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि गजा में जंग रोकने के लिए सब कुछ करने की जरूरत है, ताकि बच्चों, महिलाओं और आम नागरिकों की हत्याओं को रोका जा सके.

अमेरिका समेत इन देशों ने किया प्रस्ताव का विरोध

अमेरिका, इजरायल, ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, फिजी, ग्वाटेमाला, हंगरी, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी, पैराग्वे और टोंगा ने जॉर्डन की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है. अमेरिका युद्ध की शुरुआत से ही इजरायल का डटकर समर्थन कर रहा है. प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करने से माना जा रहा है कि अमेरिका हर परिस्थिति में इजरायल का अपना समर्थन देता रहेगा.

इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि हम हमास के आतंकवादियों को फिर से हथियारबंद होकर अत्याचार करने की छूट नहीं दे सकते हैं. हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकते हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है. इसी अधिकार के साथ हम ये सुनिश्चित करना चाहते है कि ऐसे अत्याचार फिर से न हो. हमास को पूरी तरह से खत्म करना ही एकमात्र उपाय है. First Updated : Saturday, 28 October 2023