Israel Hamas War: सऊदी के प्रिंस ने हमास और इजरायल दोनों को कहा गलत, इस मामले में कर दी भारत की तारीफ
Israel Hamas War: इजरायल हमास युद्ध को लेकर सऊदी अरब के पूर्व खुफिया प्रमुख व प्रिंस ने दोनों ही पक्षों को जिम्मेदार ठहराया है.
Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के अबतक दो सप्ताह से ज्यादा का समय बीत चुका है. इस युद्ध के चलते पूरी दुनिया दो खेमे में बट चुकी है. इसी बीच इजरायल हमास युद्ध को लेकर सऊदी अरब के पूर्व खुफिया प्रमुख व प्रिंस ने दोनों ही पक्षों को जिम्मेदार ठहराया है. रविवार को उन्होंने गाजा में चल रहे युद्ध को लेकर कहा कि इस संघर्ष में कोई नायक नहीं हैं, केवल पीड़ित है. बता दें कि अमेरिकी विश्वविद्यालय में तुर्की अल फैसल के भाषण में कार्यक्रम के बीच भारत का भी जिक्र किया गया.
78 वर्षीय सऊदी के प्रिंस ने कार्यक्रम के दौरान भारत की तारीफ की. भारत को लेकर उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन का जिक्र किया और सविनय अवज्ञा के माध्यम से कब्जे का विरोध करने की बात कही. उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के सविनय अवज्ञा आंदोलन को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया. उनका कहना है कि लोगों को अपने कब्जे का विरोध करने का अधिकार है, यहां तक कि सैन्य रूप से भी.
खबरों की मानें तो प्रिंस ने आगे कहा कि मैं फिलिस्तीन में सैन्य विकल्प का समर्थन नहीं करता. उन्होंने कहा कि वे नागरिक विद्रोह और अवज्ञा का दूसरा विकल्प पसंद करते हैं. इन्हीं दोनों हथियारों के जरिये भारत में ब्रिटिश साम्राज्य और पूर्वी यूरोप में सोवियत साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया गया था.
इजरायली सैन्य क्षमता की तारीफ
इजरायल की मिलिट्री पावर का जिक्र करते हुए करते हुए प्रिंस ने कहा कि इजराइल के पास जबरदस्त सैन्य श्रेष्ठता है और दुनिया गाजा में उसके द्वारा मचाई जा रही तबाही को देख सकती है. उन्होंने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा भी की.
हमास पर साधा निशाना
प्रिंस फैसल ने हमास पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं हमास द्वारा किसी भी उम्र या लिंग के नागरिक को लक्ष्य बनाने की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं. उन्होंने हमास को कठगरे में खड़ा करते हुए कहा कि इस तरह का लक्ष्य हमास के इस्लामी पहचान के दावों को झुठलाता है. जिस प्रकार से हमास ने निर्दोष बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हत्या की और पूजा स्थलों को अपवित्र किया प्रिंस ने उसकी निंदा की और इसे इस्लाम के खिलाफ बताया.