Israel Hamas War: गाजा में इजरायल का फिर से कहर, 60 की मौत, संघर्ष की स्थिति गंभीर

इजरायल ने गाजा में एक और घातक हमला किया, जिसमें 60 लोग मारे गए हैं. ताजा हमले के बाद, कुल 43,000 फलस्तीनी अब तक जान गंवा चुके हैं. इजरायली सेना ने एक अस्पताल में छापेमारी कर लगभग 100 संदिग्ध हमास आतंकवादियों को पकड़ा है. स्थिति गंभीर है और अब सभी की नजरें आगे की घटनाओं पर हैं. जानें इस संघर्ष का असली सच और क्या हैं आगे की संभावनाएं!

JBT Desk
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Israel's havoc In Gaza: इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध ने गाजा को एक बार फिर त्रासदी के केंद्र में ला खड़ा किया है. हाल ही में इजरायल ने उत्तरी गाजा में एक बड़े सैन्य अभियान के तहत घातक हमले किए हैं, जिसमें 60 लोगों की मौत हो गई. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह हमला मंगलवार तड़के हुआ, जब इजरायली बलों ने एक पांच मंजिला इमारत को निशाना बनाया. इस इमारत में विस्थापित लोग शरण लिए हुए थे, जो इस भयावह स्थिति से प्रभावित हैं.

संघर्ष की बुरी स्थिति

गाजा की स्वास्थ्य सेवाओं ने बताया है कि इस हमले में 20 अन्य लोग घायल हुए हैं, जबकि 17 लोग अभी भी लापता हैं. ये हमले इजरायली सीमा के निकट स्थित बेत लाहिया में हो रहे हैं, जहां पिछले तीन हफ्तों से इजरायल का एक बड़ा सैन्य अभियान जारी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस संघर्ष के दौरान अब तक 43,000 फलस्तीनी जान गंवा चुके हैं, जो इस संघर्ष की भयावहता को दर्शाता है.

इजरायल की सैन्य सफलता

इजरायली सेना को इस बीच कुछ महत्वपूर्ण सफलता भी मिली है. उत्तरी गाजा के कमाल अदवान अस्पताल में की गई छापेमारी में सेना ने लगभग 100 संदिग्ध हमास आतंकवादियों को पकड़ा है. इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने नागरिकों को निकालने के दौरान भागने का प्रयास किया था. अस्पताल से सेना को हथियार, आतंकी फंड और खुफिया दस्तावेज भी मिले हैं, जो इजरायली सेना के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं.

भविष्य की अनिश्चितता

गाजा में इस संघर्ष ने मानवता के लिए गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं. एक तरफ इजरायल का उद्देश्य हमास से सुरक्षा सुनिश्चित करना है, वहीं दूसरी ओर फलस्तीनी नागरिकों की स्थिति बेहद दयनीय है. संयुक्त राष्ट्र और कई मानवाधिकार संगठन इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं और युद्धविराम की अपील कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है.

इस समय गाजा में जारी स्थिति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि भविष्य में क्या होगा। सभी पक्षों के लिए यह एक कठिन समय है और यदि जल्दी ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो यह स्थिति और भी भयानक रूप ले सकती है.

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29 October 2024, 03:59 PM IST

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