'इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच युद्धविराम: अमेरिका और फ्रांस का दबाव, क्या बाइडेन का कूटनीतिक प्रयास सफल होगा?'
इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच 14 महीने से चल रहे संघर्ष के बीच, अमेरिका और फ्रांस के दबाव में इजरायल युद्धविराम पर सहमत होने वाला है. इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने इस पर चर्चा की और जल्द ही समझौता होने की उम्मीद है. हालांकि, इजरायल ने युद्धविराम के बावजूद किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी कूटनीतिक दबाव है. जानिए, क्या इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच लंबे समय से चले आ रहे इस युद्ध का अब अंत हो पाएगा?
Israel Hizbollah Ceasefire: इजरायल और लेबनान के आतंकवादी संगठन हिज्बुल्लाह के बीच पिछले 14 महीनों से चल रहा संघर्ष अब समाप्त होने की कगार पर है. अमेरिका और फ्रांस के बढ़ते दबाव के कारण, इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें युद्धविराम की संभावनाओं पर चर्चा की गई. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने की और संभावना जताई जा रही है कि इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिल सकती है.
अमेरिका और फ्रांस का कूटनीतिक दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व में इस युद्धविराम समझौते के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज किया गया है. इस युद्धविराम योजना में इजरायल को दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना हटाने के लिए कहा जाएगा, ताकि वहां लेबनान की सेना तैनात हो सके. इसके साथ ही, हिज्बुल्लाह से भी अपनी सशस्त्र उपस्थिति लितानी नदी के दक्षिण तक सीमित करने के लिए कहा जाएगा.
हालांकि, इजरायल ने इस युद्धविराम को मंजूरी देने से पहले कई शर्तें रखी हैं, जिसमें सबसे अहम यह है कि वह युद्धविराम के बावजूद किसी भी उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे. वहीं, लेबनान के उप संसद अध्यक्ष एलियास बू साब ने कहा कि इस योजना के लागू होने में कोई बड़ी रुकावट नहीं आएगी, बशर्ते कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू अपने रुख को अंतिम समय में बदलने का फैसला न करें.
संघर्ष का अब तक का हस्सा
यह युद्ध अब तक बहुत ही भयंकर साबित हुआ है. लेबनान में 3,750 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं. वहीं, इजरायल में 45 नागरिक और 73 सैनिकों की मौत हुई है. इसके बावजूद, दोनों पक्षों ने युद्धविराम के लिए बातचीत जारी रखते हुए सैन्य गतिविधियां जारी रखी हैं. इजरायल के हवाई हमलों ने बेरूत के हिज्बुल्लाह-नियंत्रित क्षेत्रों को निशाना बनाया, जबकि हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर रॉकेट हमले किए.
अमेरिका का अंतिम प्रयास
इस कूटनीतिक प्रयास को एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, खासकर जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल का समय समाप्त होने वाला है. अगले साल जनवरी में बाइडेन के पद से हटने से पहले, वह इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए अपना अंतिम कूटनीतिक प्रयास मानते हैं. इसी दौरान, अमेरिका के मध्य-पूर्व दूत ब्रेट मैकगर्क भी सऊदी अरब में गाजा संघर्ष को खत्म करने के लिए इस युद्धविराम समझौते पर चर्चा करेंगे.
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच चल रहे इस लंबे संघर्ष पर आखिरकार कोई स्थायी विराम लग सकेगा, या फिर यह एक और अस्थायी समाधान के रूप में रह जाएगा.