इजरायल का इरादा साफ है! UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए मैप से समझिए फिलिस्तीन का क्या होगा

Israel intention clear for Palestine: शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दो मैप दिखाएं. इस मैप में पश्चिमी तट और गाजा पट्टी को नहीं दर्शाया गया, लेकिन पूरे क्षेत्र को इजरायल का हिस्सा दिखाया गया. इस मैप को हाथ में लिए हुए नेतन्याहू ने कहा कि विश्व को आशीर्वाद और अभिशाप के बीच चयन करना होगा. तो चलिए जानते हैं क्या है इसके पीछे की मंशा.

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Israel- Palestine:  इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच काफी समय से संघर्ष चल रहा है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में इस संघर्ष के लिए ईरान को दोषी ठहराया है. इस दौरान इजरायल पीएम ने दो नक्शे भी दिखाए. दोनों नक्शों में गौर करने वाली बात ये थी कि इनमें फिलिस्तीन का नामो निशान नहीं था. पहले नक्शे में इस क्षेत्र में इजरायल के संभावित अरब सहयोगियों को दिखाया गया था, जबकि दूसरे में ईरान और उसके सहयोगियों को दिखाया गया था.

दोनों ही नक्शों में गाजा और वेस्ट बैंक को हटा दिया गया था. नेतन्याहू ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, 'मेरे पास तेहरान के लिए एक संदेश है, अगर आप हम पर हमला करेंगे, तो हम आप पर हमला करेंगे. ईरान को धमकी देते हुए कहा कि दुनिया को 'आशीर्वाद' और 'अभिशाप' में से एक को चुनना होगा.

मैप से फिलिस्तीन को किया सफाया

दरअसल, नेतन्याहू ने अपने संबोधन में जो मैप दिखाए हैं उसमें से एक मध्य पूर्व का मैप है जिसमें ईरान, इराक, सीरिया और यमन को काले रंग से रंगा गया है और उसपर 'अभिशाप' (The Curse) लिखा है.  वहीं दूसरे मैप में मिस्र, सूडान, सऊदी अरब और भारत समेत देशों हरे रंग से रंगा गया है और उस पर आशीर्वाद लिखा हुआ है. इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि इन दोनों मैप में कहीं भी फिलिस्तीन के जिक्र नहीं है. ऐसे में दुनिया के कई देशों की सरकार नेतन्याहू द्वारा दिखाए गए मैप को डिकोड कर रही है.

हरे रंग के मैप की क्या है रणनीति

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान जो दो मैप दिखाई गई है उसमें एक काले रंग का है और दूसरा हरे रंग का है.

 हरे रंग में भारत के साथ-साथ मिस्र, सूडान, सऊदी अरब जैसे देश को शामिल किया गया है और इन देशों को आशीर्वाद के तौर पर दिखाया गया है.

 हरे रंग में भारत को दिखाना लाजमी है क्योंकि मोदी सरकार के आने के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी अच्छे हुए हैं. दोनों देश डिफेंस और टेक्नोलॉजी के सेक्टर में मिल कर काम कर रहे हैं.

 वहीं अगर सऊदी अरब की बात करें तो हाल ही में अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच सामान्यीकरण समझौता कराया था लेकिन गाजा हमले की वजह से ये मामला लटका हुआ था. हालांकि इजरायल द्वारा नक्शे में सऊदी अरब का  जिक्र करने से ये साफ हो गया है कि वे रियाद के साथ भविष्य के संबंधों के बारे में आशीर्वाद में आशावादी है.

 वहीं मिस्र की बात करें तो इजरायल और मिस्र के बीच अक्सर तनाव होते रहते हैं क्योंकि गाजा को लेकर मिस्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखा है. हालांकि, ये गौर करना भी जरूरी है कि बीते कुछ सालों में दोनों देशों के बीच ऊर्जा और सुरक्षा सहयोग मजबूत हुआ है.

 पहले पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के नेतृत्व में दशकों से इजरायल को दुश्मन के तौर पर देखा जाता था. हालांकि अमेरिका अमेरिकी मध्यस्थता में सूडान ने 2021 में अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जो बड़ा बदलाव था. यही वजह है कि हरे रंग में इजरायल ने सुडान का नाम रखा है.

काले रंग के मैप की क्या है रणनीति

नेतन्याहू ने काले रंग के नक्शे में ईरान ईरान, इराक, सीरिया और यमन जैसे देशों का नाम शामिल किया है जिसे 'अभिशाप' के तौर पर दिखाया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में नेतन्याहू ने सबसे ज्यादा हमला ईरान पर किया है और सीधे तौर पर लेबनान, सीरिया और यमन में जारी हिंसा के लिए दोषी ठहराया है. उन्होंने 'बहुत लंबे समय तक ईरान को खुश करने' के लिए दुनिया की निंदा की, और जोर देकर कहा कि इस तरह का तुष्टीकरण अब समाप्त होना चाहिए. First Updated : Saturday, 28 September 2024