Hezbollah Chief Nasrullah funeral: इजरायल-ईरान में महा युद्ध छिड़ चुकी है. आज इस जंग की आज तस्वीर साफ होने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि हिजबुल्ला के चीफ हसन नसरल्लाह को आज सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. वहीं दूसरी ओर ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई का पहला संबोधन है. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या से मची खलबली के बीच उसके जनाजे को लेकर डर का माहौल है. उसे कहां दफनाया जाएगा इस पर अब भी सस्पेंस है. नसरल्लाह के अंतिम संस्कार के मौके पर ईरान के सुप्रीम लीडर आज शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व करने वाले हैं.
बता दें कि हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह बेरूत के हेडक्वार्टर में अपने बंकर में इजरायली एयर स्ट्राइक में मारा गया था. हालांकि, दोनों देशों के बीच टेंशन काफी बढ़ गई है ऐसे में इस समय हिजबुल्लाह प्रमुख को उचित विदाई देना संभव नहीं है. अंतिम संस्कार के दौरान इजरायल हमला ने कर दें इस बात का डर हिजबुल्ला को सता रहा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि नसरल्लाह की प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया जाएगा.
'एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस' के नेतृत्व के खिलाफ इजरायली हमले के कारण, इस समय मारे गए हिजबुल्लाह प्रमुख को उचित विदाई देना संभव नहीं है. अंतिम संस्कार पर हमलों के डर से हिजबुल्लाह नसरल्लाह की अंतिम यात्रा पर राष्ट्रव्यापी अंतिम संस्कार करने से बच रहा है. हालांकि, एकजुटता के एक बड़े प्रदर्शन के रूप में, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची प्रार्थना में भाग लेने के लिए बेरूत में हैं. हालांकि सुरक्षा चिंताओं के कारण वह अंतिम संस्कार जुलूस में भाग नहीं लेंगे. इजरायल के डर से नसरल्लाह का अंतिम संस्कार भी काफी गोपनीय रखा गया है.
हिजबुल्लाह ने अभी तक नसरल्लाह के अंतिम संस्कार की योजना की घोषणा नहीं की है, लेकिन कहा जा रहा है कि उसके जनाजे को दफन मिलेगा जिसके उनके अनुयायी और सहयोगी उन्हें हकदार मानते हैं. इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी के सलाहकार अब्दुल अमीर अल तेइबन ने एक्स पर पोस्ट किया कि नसरल्लाह को कर्बला में इमाम हुसैन के बगल में दफनाया जाएगा. दक्षिण बगदाद के कर्बला शहर में इमाम हुसैन का मंदिर हसन नसरल्लाह का अंतिम विश्राम स्थल हो सकता है. यह मारे गए नेता के लिए बहुत बड़ा सम्मान है, क्योंकि कर्बला वह स्थान है जहाँ पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन को शहीद किया गया था और दफनाया गया था.
पैगम्बर मुहम्मद के अनुसार, कर्बला धरती पर स्वर्ग का एक टुकड़ा है जो न्याय के अंतिम दिन आने पर वहां के निवासियों के साथ ही ऊपर चला जाएगा. किसी शिया मुसलमान के लिए कर्बला की पवित्र भूमि पर दफ़न होना इससे बड़ा सम्मान नहीं हो सकता. हसन नसरल्लाह एक सम्मानित शिया मौलवी (फ़कीह) थे. उनकी मृत्यु को फिलिस्तीन के लिए सबसे बड़ा बलिदान माना जाता है. अगर वे अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा के स्रोत बने रहना चाहते हैं, तो उन्हें कहां दफनाया जाएगा, उन्हें कैसे विदाई दी जाएगी और उन्हें विदाई देने के लिए कौन मौजूद था, यह सब मायने रखेगा.। First Updated : Friday, 04 October 2024