Iran-Israel War: इजराइल-ईरान वॉर की वजह से बढ़ते तनाव का असर अब पूरी दुनिया पर पड़ने का अनुमान है. इजरायल पर ईरान के ताजा हमले के बाद कच्चे तेल के दाम में लगातार दूसरे दिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस हमले के बाद मिडिल ईस्ट से कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर संकट बढ़ने का अनुमान है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर जवाबी कार्रवाई करने का एलान कर दिया है.
ऐसे में फिलहाल लगाम लगने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल में 5% का उछाल देखने को मिला है. अब आज (बुधवार) ब्रेंट करीब 74 डॉलर प्रति बैरल के करीब कामकाज कर रहा है. हालांकि, बाजार ने अभी इस बात को नहीं पचाया है कि ईरान की ऑयल फैसिलिटी को भी इजरायल निशाना बना सकता है.
मिडिल ईस्ट में ये तनाव एक ऐसे समय पर बढ़ा है, जब पिछले महीने ही एनालिस्ट और हेज फंड्स का मानना था कि डिमांड और ओवरसप्लाई के चलते कच्चे तेल का बाजार नरम ही रहेगा. OPEC+ देश भी दिसंबर से आउटपुट बढ़ाने का फैसला ले चुका है. इसके समूह के बाहर रहने वाले तेल उत्पादकों ने भी उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है. ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट के हवाले से कहा है कि क्रूड मार्केट इस तरह के जियोपॉलिटिकल तनाव के लिए तैयार नहीं था. अगर इस तनाव से एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर या फ्लो पर असर पड़ता है तो क्रूड प्रीमियम में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
इस रिपोर्ट के अनुसार अगर अमेरिका समेत अन्य देश ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाते हैं तो कच्चा तेल 7 डॉलर प्रति बैरल तक महंगा हो सकता है. वहीं, अगर ईरान के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर पर इजरायल हमला करता है तो कच्चा तेल 13 डॉलर प्रति बैरल तक महंगा हो सकता है. स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के जरिए सप्लाई बाधित होने पर सबसे बड़ा असर देखने को मिलेगा. ऐसी स्थिति में क्रूड ऑयल 13 से 28 डॉलर प्रति बैरल तक महंगा हो सकता है. First Updated : Wednesday, 02 October 2024