Israel-Palestine conflict: आज यानी शनिवार को जब फिलिस्तीनी चरमपंथी ग्रुप हमास ने गाजा स्ट्रिप से इजरायल पर हमला कर दिया तो दुनिया भर में इसकी चर्चा तेजी से होने लगी. यह हवाई हमला था, जिसमें दावा किया गया कि कुल 5000 रॉकेट्स इजराइल के ऊपर दागे गए. इजरायल में उस समय सुबह के करीब पांच बज रहे थे और तभी सायरनों की आवाज ने लोगों के कान खड़े कर दिए.
इजराइल की सड़कों पर हमास के आतंकी
कुछ देर बाद स्पष्ट हो गया कि इजराइल पर चरमपंथियों ने हमला कर दिया है. जिसमें हवाई हमले के साथ-साथ जमीनी घुसपैठ भी की गई. इन हमलों पर इजराइल की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई जिसके बाद इसे युद्ध घोषित कर दिया गया. कुछ वीडियोज ऐसे भी देखने को मिले जिनमें गाजा पट्टी के करीबी इजराइली गांवों में हमास के घुसपैठियों को और गोलीबारी करते हुए देखा गया. खबरों की मानें तो इस हमले में अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.
हमास क्या है और क्यों किया इजराइल पर हमला?
आज जो विवाद देखने को मिल रहा है वह कोई नया नहीं हैं. इससे पहले भी इजराइल का अरब देशों के साथ संघर्ष देखने को मिलता रहा है. इस संघर्ष की शुरुआत होती है आज से करीब 75 साल पहले यानी सन् 1948 में जब इजाराइल नाम के देश का उदय हुआ था.
यहूदियों के पास नहीं था देश
आपने ये जरूर सुना होगा कि यहूदियों के लिए आज से 75 साल पहले कोई देश नहीं था. ये दुनियाभर के अलग-अलग देशों में बिखरे हुए थे जिनमें से अधिकतर यूरोप के देशों में रहा करते थे. आगे चलकर यूरोप में हिटलर की फौज के द्वारा यहूदियों का नरसंहार भी किया गया था.
अंग्रेजों के जाने के बाद शुरू हुआ विवाद
यहूदी यरूशलम को अपना घर मानते हैं. इनका दावा है कि ये जमीन भगवान ने अब्राहम और उनके वंशजों को सौंपी थी. 1940 के दशक तक यहूदी और फिलिस्तीनी साथ में रहा करते थे. ये वो दौर था जब फिलिस्तीन में अंग्रेजों का शासन हुआ करता था. हालांकि, इसी दौरान अंग्रेज कई देशों से अपना बोरिया बिस्तर समेट कर जा रहे थे और उन्होंने यहां भी यही किया. यहूदी और फिलिस्तीनियों की समस्या का कोई समाधान निकाले बिना वह यहां से चले गए.
इजराइल देश का हुआ ऐलान
जिसके बाद 14 मई, 1948 को फिलिस्तीन में मौजूद यहूदी नेता इजराइल नाम के एक नए देश की घोषणा कर देते हैं. फिलिस्तीनियों ने इसका विरोध किया तो घोषणा के अगले ही दिन यानी 15 मई को जंग शुरू हो गई जोकि 8 महीनों तक चलती रही.
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच पहली जंग
इस जंग में दो खेमे थे एक तरफ पश्चिमी देशों के साथ इजराइल और दूसरी तरफ अरब देशों के समर्थन से खड़ा फिलिस्तीन. अगर आज का समीकरण देखा जाए तो स्थिति आज भी वैसी ही है. इजरायल आज भी अरब देशों का दुश्मन बना हुआ है जबकि अमेरिका जैसे देशों के साथ उसके बहुत अच्छे संबंध माने जाते हैं.
इस जंग के बाद 1949 में सीजफायर का ऐलान होता है और इस वक्त तक फिलिस्तीन का अधिकतर भाग इजरायल के पास आ चुका होता है. उस समय जो जमीन जॉर्डन ने कब्जाई वह आज वेस्ट बैंक के नाम से जानी जाती है. जिस इलाके पर मिस्र ने कब्जा किया उसे गाजा कहते हैं. इस जंग के बाद फिलिस्तीन की राजधानी यरूशलम भी दो हिस्सों में बंट गई. एक जोर्डन के पास और दूसरा इजराइली फोर्सेस के कब्जे में.
कई बार हो चुके हैं हमले
कहानी तो बहुल लंबी है लेकिन आप इसे बस ऐसे समझिए कि 1949 के बाद भी इन देशों के बीच तनाव कभी कम नहीं हुआ. जहां एक ओर इस्लामिक देशों से घिरे इजराइल ने अपने प्रत्येक नागरिक को सैनिक बनाने पर काम किया वहीं दूसरी तरफ उसके पड़ोसी देश में अनेक छोटे-छोटे कट्टरपंथी संगठन पनप गए. इजराइल पर अलग-अलग बार इन देशों ने हमला भी किया तो वहीं इजराइल ने भी बदले की कार्यवाई में कई लोगों के मौत के घाट उतार दिया.
हमास ने दिखाई ताकत
इसके बाद आता है वर्ष 1987, जिसमें फिलिस्तीन पहले इतिफादा यानी विद्रोह की शुरुआत करता है. ये जंद में तब्दील होता है और इसे में हजारों लोगों की जानें जाती हैं. और इसी बीच इजराइल में पूरे यरूशलम को अपनी राजधानी घोषित कर दी जिसे अमेरिका का समर्थन भी मिला. इस जंग के बीच एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन का नाम काफी तेजी से सामने आता है - हमास. जी हां वही हमास जिसने इस बार भी इजराइल पर हमला किया है.
हमास का उदय
हमास की स्थापना 1980 में हो गई थी. स्थापना करने वाला व्यक्ति भी ऐसा जो 12 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर था. संगठन की नींव शेख यासीन ने डाली थी और इसने अपना पहला दबदबा 1987 में दिखाया था जब इसने इजराइल के खिलाफ विद्रोह की आवाज बुलंद की थी. बता दें कि, अरबी में हमास का मतलब होता है 'इस्लामिक रेजिसटेंस मूवमेंट'.
हमास की मिलिट्री विंग
आगे चलकर 1990 में इस संगठन के खुद को सैन्य संगठन के तौर पर स्थापित करने का काम किया. गाजा में हुए 1996 के चुनाव में इस संगठन ने भाग लिया और वहां की सत्ता हासिल की. वर्तमान में हमास यहां पर वह सरकार चलाता है और लोगों की मदद करता है. इसका एक मिलिट्री विंग है, जिसका नाम 'इज्जेदीन अल-कासम ब्रिगेड' है. ये ब्रिगेड ही इजराइल के ऊपर हमला करने का काम करती है.
हमास ने क्यों किया हमला?
वर्तमान में हमास के इजरायल पर हमला करने का कारण है अल-अक्सा मस्जिद कंपाउंड. हमास के मिलिट्री कमांडर मोहम्मद दीफ ने 'ऑपरेशन अल-अक्सा स्टोर्म' का ऐलान किया है. ये एक नया ऑपरेशन है, जिसका मकसद संवेदनशील माने जाने वाले अल-अक्सा कंपाउंड को आजाद कराना है. अल-अक्सा मस्जिद यरुशलम शहर में है. हाल के दिनों में यहां यहूदी लोग अपने पवित्र त्योहार को मनाने के लिए पहुंचे हैं. इस कंपाउंड में ही टेंपल माउंट है, जहां यहूदी प्रार्थना करते हैं. First Updated : Saturday, 07 October 2023