इजरायल ने ठुकराया US-फ्रांस का प्रस्ताव, कहा- हमले इसी तरह जारी रहेंगे
इजरायल और लेबनान के बीच जारी जंग को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जंगबंदी की बात हो रही है. हालांकि अमेरिका और फ्रांस के 21 दिनों की जंगबंदी के प्रस्ताव को इजरायल ने खारिज कर दिया है. इजरायल के विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री ने अपने ताजा बयानों में साफ कर दिया है कि हमले इसी तरह जारी रहेंगे.
अमेरिका और फ्रांस की तरफ से इज़रायल व हिजबुल्लाह के बीच जारी जारी जंग को 21 दिनों के लिए रोकने के प्रस्ताव को इजरायल ने खारिज कर दिया है. इजरायल के विदेश मंत्री इज़राइल काट्ज ने गुरुवार को हिजबुल्लाह के साथ जंगबंदी के प्रस्तावों को खारिज कर दिया. काट्ज़ ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, "उत्तर में कोई युद्धविराम नहीं होगा. हम जीत और उत्तर के निवासियों की उनके घरों में सुरक्षित वापसी तक अपनी पूरी ताकत से हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे."
इज़राइल और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के बीच लगभग दो दशकों में सबसे भीषण लड़ाई ने लेबनानी-इजरायल सीमा पर एक नए इजरायली जमीनी हमले की आशंका बढ़ा दी है. अमेरिका, फ्रांस और कई सहयोगियों ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में गहन चर्चा के बाद गाजा में जंगबंदी के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए इज़राइल-लेबनान सरहद पर तत्काल 21 दिनों की जंगबंदी का आह्वान किया.
नेतन्याहू का बयान:
संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क जा रहे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अभी तक संघर्ष विराम प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सेना को लड़ने का निर्देश दिया है. उनकी सरकार के कट्टरपंथियों ने कहा कि इजराइल को किसी भी चाल को खारिज कर देना चाहिए और हिजबुल्लाह पर हमला जारी रखना चाहिए. बयान के मुताबिक, इजरायल की उत्तरी सीमा पर लड़ाई की तीव्रता कम करने के लिए सेना को दिए गए तथाकथित आदेशों में कोई सच्चाई नहीं है. इसी बयान में गाजा को लेकर भी उन्होंने कहा कि गाजा में भी लक्ष्य हासिल होने तक जंग जारी रहेगी.
इजरायल के विपक्षी नेता क्या बोले?
जबकि इजरायल संसद में विपक्ष के नेता लायर लैपिड का कहना है कि इजराइली सरकार को अमेरिका और फ्रांस द्वारा पेश किए गए संघर्ष विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लेना चाहिए और केवल सात दिनों के लिए संघर्ष विराम रखना चाहिए. सोशल मीडिया पर एक बयान में उन्होंने कहा कि अगर इस युद्धविराम समझौते का थोड़ा सा भी उल्लंघन हुआ तो इजराइल अपनी पूरी ताकत के साथ पूरे लेबनान में ऑपरेशन शुरू कर सकता है. उन्होंने कहा कि इजराइल ऐसे किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करना चाहिए जिसमें हिजबुल्लाह को इजराइल की उत्तरी सीमा से हटाना शामिल ना हो.
लेबनान के पीएम क्या बोले?
हालांकि लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मकाती ने 21 दिनों की जंगबंदी की अंतरराष्ट्रीय मांग का स्वागत किया. जब उनसे पूछा गया कि क्या जंगबंदी समझौता हो सकता है? तो उन्होंने कहा, बिल्कुल, उम्मीद है. नजीब मिकाती ने कहा कि जंगबंदी समझौते की कामयाबी इज़राइल द्वारा अंतरराष्ट्रीय समझौतों के कार्यान्वयन पर निर्भर करती है, जो वर्तमान में अपनी सेना को लेबनानी सीमा पर ले जा रहा है.