इजराइल का ऐरो डिफेन्स सिस्टम? जिसने हवा में ही मार गिराए ईरान के मिसाइल-ड्रोन

Israel Vs Iran: ईरान द्वारा किए गए इस हमलें से इजराइल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. दरअसल इजराइल की सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी है कि अधिकत्तर मिसाइल और ड्रोन का हवा में ही खात्मा हो गया.

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Edited By: JBT Desk

Israel Vs Iran:  ईरान ने आज (14 अप्रैल) इजराइल सैकड़ों की संख्या में ड्रोन और क्रूज मिजाइल से हमला कर दिया है. जिसके बाद एक और जंग की शुरुआत हो गई है.  दोनों देशों के बीच 1979 की इस्लामी कान्ति के दौर से ही दुश्मनी की शुरुआत हुई थी. हालांकि ईरान द्वारा किए गए इस हमलें से इजराइल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. दरअसल इजराइल की सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी है कि अधिकत्तर मिसाइल और ड्रोन का हवा में ही खात्मा हो गया. ऐसा इजराइल के ऐरो डिफेन्स सिस्टम की वजह से हो सका.  वहीं  इजराइल के एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि ईरान ने 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागी, जिनमें से 99 प्रतिशत को हवा में ही नष्ट कर दिया गया. 

क्या है इजराइल का ऐरो डिफेन्स?

इजराइल ने कई स्तरों वाली एंटी मिसाइल रक्षा प्रणाली बना रखी है. इसमें ऐरो डिफेंस सिस्टम इसमें सबसे ऊपर के लेवल में कार्य करता है. इस सिस्टम को  अमेरिका के साथ मिलकर इजराइल की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाया है. 1980 के दशक में ही इसपर काम शुरू हो गया था. इसके बाद इस सिस्टम के सात परीक्षण (टेस्टिंग)  किए गए. इसे ऐरो टू के नाम से भी जाना जाता है. इसे साल 2000 में एक्टिव किया गया था.  

बता दें, कि ऐरो टू मिसाइल सिस्टम शॉर्ट और मीडियम रेंज की मिसाइलों का खात्मा करने का काम करता है. यह ऊपरी हवा में काम करता है. इजराइल की रक्षा प्रणाली के प्रमुख रूप से तीन स्तर हैं. पहले है आयरन डोम, दूसरा डेविड्स स्लिंग और तीसरा ऐरो डिफेंस सिस्टम. आयरन डोम शॉर्ट रेंज के रॉकेट और मिसाइलों को खत्म करता है. 2011 के बाद से हजारों रॉकेट इसके निशाने पर आ चुके हैं. 

कैसे काम करता है ये सिस्टम?

ऐरो 2 को साल 2000 में ही एयर डिफेंस का हिस्सा बनाया गया था. इसके बाद अडवांस वर्जन ऐरो 2 को ऐक्टिव किया गया. यह एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइल लॉन्चर से बनाया गया है. इसमें ईएल- एम-2080 ग्रीन पाइन फायर कंट्रोल रडार, हैजलनट ट्री लॉन्च कंट्रोल सिस्टम और साइज्रोन ट्री बैटल मैनेजमेंट सेंटर शामिल हैं. ग्रीन पाइन रडार लॉन्ग रेंज का टारगेट सेट करता है. एफसीआर इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग का जवाब दे सकता है. रडार 2400 किलोमीटर की इफेक्टिव रेंज उपलब्ध करवाता है और 100 किलोमीट की ऊंचाई पर वार कर सकता है. 

वहीं रडार बार से आने वाली चुनौतियों को पहचानता है. इसके बाद कंट्रोल सेंटर को रियल टाइम जानकारी दी जाती है.  इसके बाद टारगेट सेट करके मिसाइल खुद ब खुद लॉन्च हो जाती है. ऐरो रॉकेट काइनेटिक एनर्जी का इस्तेमाल करके रॉकेट और मिसाइलों को नष्ट करता है. इसमें यह भी सिस्टम है कि अगर मिसाइल दुश्मन की मिसाइल को नष्ट नहीं कर पाती तो 40 मीटर के बाद यह खुद ब खुद नष्ट हो जाती है. इजराइल में 2015 में टेस्ट किया गया ऐरो 3 सिस्टम लंबी दूरी के खतरों से निपटने का सबसे नया सिस्टम है. 

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14 April 2024, 07:20 PM IST

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