इजरायल को अपनों से ही मिला धोखा, पकड़े गए 7 जासूसों को मिलेगी सजा-ए-मौत

Israel-Iran: इजरायल पुलिस ने हाल ही में सात इजरायली नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिन पर ईरान के लिए जासूसी करने का आरोप है. इन सभी आरोपियों ने इजरायली सेना, आयरन डोम और अन्य संवेदनशील स्थलों की जानकारी ईरान को भेजी है. इन लोगों ने दो साल तक इजरायल के खिलाफ काम किया और इसके लिए उन्हें भारी रकम भी दी गई. अब इन सभी को सजा-ए-मौत का सामना करना पड़ सकता है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Israel-Iran: इजरायल-ईरान के बीच चल रही संघर्ष की स्थिति में एक नई सनसनीखेज घटना सामने आई है. इजरायल को अपने ही नागरिकों से धोखा मिला है, जिन्होंने ईरान के लिए जासूसी की. इजरायल पुलिस ने हाल ही में सात इजरायली नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिन पर ईरान के लिए जासूसी करने का आरोप है. इन सभी आरोपियों ने इजरायली सेना, आयरन डोम और अन्य संवेदनशील स्थलों की जानकारी ईरान को भेजी है.

पुलिस द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, ये सभी आरोपी हाइफा और उत्तरी इजरायल के रहने वाले हैं. उनमें से एक पूर्व सैनिक और दो नाबालिग भी शामिल हैं. इन लोगों ने दो साल तक इजरायल के खिलाफ काम किया और इसके लिए उन्हें भारी रकम भी दी गई. अब इन सभी को सजा-ए-मौत का सामना करना पड़ सकता है.

जासूसी के आरोप में 7 गिरफ्तार

पकड़े गए सात व्यक्तियों पर इजरायल के विभिन्न सैन्य और रणनीतिक ठिकानों की जानकारी इकट्ठा करने और उसे ईरान तक पहुंचाने का आरोप है. इन सातों आरोपियों की पहचान अज़ीस निसानोव, अलेक्जेंडर सादिकोव, व्याचेस्लाव गुशचिन, येवगेनी योफ़े और यिगल निसान के रूप में की गई है, जबकि दो नाबालिगों के नाम सामने नहीं लाए गए हैं. 

सैकड़ों जासूसी मिशन, लाखों डॉलर का इनाम

रिपोर्ट के मुताबिक, इन आरोपियों ने पिछले दो साल में लगभग 600 जासूसी मिशन पूरे किए हैं. इन मिशनों के बदले उन्हें लाखों डॉलर और क्रिप्टोकरेंसी के रूप में भुगतान किया गया. ये सभी पैसों के लालच में ईरान के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा कर रहे थे. 

संवेदनशील ठिकानों की जासूसी

आरोपियों ने इजरायल के महत्वपूर्ण सैन्य स्थलों, जैसे कि आयरन डोम, एयरबेस, और पावर प्लांट, की जानकारी इकट्ठा की. इसके अलावा, इन्होंने तेल अवीव के किर्या रक्षा मुख्यालय और कई अन्य संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें भी लीं और ईरानी एजेंटों को भेजीं. इनका काम तुर्की और रूस के मीडिएटर्स के जरिए चल रहा था, जिन्होंने उन्हें रणनीतिक स्थलों के नक्शे और निर्देश दिए थे. 

दो साल तक चलता रहा जासूसी अभियान

जांच से पता चला है कि यह जासूसी अभियान पिछले दो साल से चल रहा था. आरोपियों ने विशेष एन्क्रिप्टेड सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके फोटो और वीडियो को ईरान तक पहुंचाया. पुलिस का कहना है कि ये आरोपी राजनीतिक उद्देश्यों से नहीं, बल्कि वित्तीय लाभ के लिए काम कर रहे थे. 

जांच और गिरफ्तारी

इजरायल की इन्टरनल सुरक्षा एजेंसी शिन बेट द्वारा प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस की विशेष इकाई लाहव 433, जिसे इजरायली एफबीआई के रूप में जाना जाता है, ने इस मामले की जांच की थी.

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23 October 2024, 06:42 PM IST

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