गाजा में इजरायली हमले तेज, 70 से ज्यादा की मौत, घर और टेंट कैंप तबाह
इजरायल-गाजा संघर्ष: इजरायल ने गाजा पर एक बार फिर भीषण हमले शुरू कर दिए हैं, जिससे हाल ही में खत्म हुए दो महीने के संघर्षविराम का अंत हो गया है. ताजा हवाई, जमीनी और समुद्री हमलों में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. गाजा के अस्पताल घायलों से भर गए हैं और स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. संघर्ष विराम टूटने के बाद क्षेत्र में मानवीय संकट और भी गहरा गया है.

गाजा पट्टी में शुक्रवार तड़के इजरायल ने हवाई, जमीनी और समुद्री हमलों की तीव्रता बढ़ा दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक इन हमलों में कम से कम 70 लोगों की जान जा चुकी है. यह संख्या लगातार बढ़ रही है क्योंकि कई घायल गंभीर स्थिति में हैं. इजरायली हमलों ने घरों, टेंट कैंपों और यहां तक कि स्थानीय दुकानों को भी निशाना बनाया, जिससे भारी तबाही मची है. अस्पताल घायल लोगों से भर चुके हैं और संसाधनों की कमी के चलते इलाज देना मुश्किल हो गया है.
गाजा के विभिन्न हिस्सों में बमबारी
गुरुवार रात से ही गाजा के विभिन्न हिस्सों में बमबारी जारी है. गाजा सिटी के तफ्फाह क्षेत्र में हुए हमले से कई इमारतें जमींदोज हो गईं. खान यूनिस में एक नाई की दुकान पर हुए हमले में छह लोग मारे गए, जबकि अल-मवासी क्षेत्र में हुए एक और हमले में 12 लोगों की मौत हुई, जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे. गुरुवार को ही बेत लाहिया और अल-मवासी के टेंट क्षेत्रों पर हुए हमलों में करीब 35 लोगों की मौत हुई.
इजरायल और हमास के बीच मार्च में हुआ दो महीने का संघर्ष विराम टूट गया है. इजरायल का आरोप है कि हमास ने बंधकों की रिहाई को लेकर सहमति का पालन नहीं किया, जिसके चलते उसने सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है. गाजा की 80% आबादी विस्थापित हो चुकी है और अधिकांश लोग अस्थायी टेंटों में रह रहे हैं. इस बीच, गाजा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है. बमबारी और नाकेबंदी के चलते 95% राहत एजेंसियों ने अपना काम रोक दिया है. जरूरी सामान जैसे आटा, ईंधन और दवाइयों की भारी कमी हो गई है, जिससे अकाल जैसी स्थिति बन गई है.
इजरायल की कार्रवाई की आलोचना
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल की कार्रवाई की आलोचना हो रही है. डब्ल्यूएचओ और ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इजरायल से स्वास्थ्य सेवाओं पर हमले बंद करने की मांग की है. गाजा प्रशासन ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है. हालांकि इजरायल का कहना है कि वह केवल हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि आम नागरिक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.


