
नाइजर की मस्जिद में नमाज के दौरान बड़ा जिहादी हमला, 44 लोगों की मौत, इस्लामिक स्टेट ने ली जिम्मेदारी
जिहाद एक ऐसा पवित्र शब्द है, जिसका मतलब होता है गरीबों और दुखियों की मदद करना पर आज कल इस पवित्र संदेश पर सियासत हो रही है. और इतनी गंदी सियासत हो रही है कि लोगों की जान तक ली जा रही है. अब इसी के तहत नाइजर में भी एक बड़ा जिहादी हमला हुआ है, जिसमें करीब 44 लोगों की मौत हो गई. इसकी जिम्मेदारी ग्रेह सहारा इस्लामिक स्टेट ने ली है. हैरान करने वाली बात यह है कि जिस संस्था ने इसकी जिम्मेदारी ली है उसका नाम 'ग्रेट सहारा इस्लामिक स्टेट' पर उसके कारनामे देखो कितने गंदे हैं. फिलहाल सरकार ने इस मामले को लेकर तीन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है.

इंटरनेशनल न्यूज. नाइजर में बड़ा जिहादी हमला: अफ्रीकी देश नाइजर के पश्चिमी भाग में एक गांव पर जिहादी समूह द्वारा किए गए हमले में कम से कम 44 नागरिक मारे गए हैं. यह हमला शुक्रवार दोपहर माली और बुर्किना फासो की सीमा के पास कुकोरो के ग्रामीण इलाके और फाम्बिता गांव में हुआ. अपने बयान में मंत्रालय ने हमले के लिए ग्रेट सहारा में इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराया. मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "दोपहर करीब 2 बजे जब मुसलमान नमाज अदा कर रहे थे, भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने मस्जिद को घेर लिया और बेहद क्रूर तरीके से नरसंहार को अंजाम दिया. इसके अलावा, बंदूकधारियों ने एक बाजार और कई घरों में आग लगा दी और फिर घटनास्थल से भाग गए."
गंभीर घायल हो गए 13 लोग
मंत्रालय के अनुसार, हमले में अब तक कम से कम 44 नागरिक मारे गए हैं, जबकि 13 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सरकार ने तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. नाइजर, बुर्किना फासो और माली पिछले एक दशक से जिहादी समूहों से जूझ रहे हैं. जिसमें अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से संबद्ध संगठन शामिल हैं. हाल के वर्षों में तीनों देशों में सैन्य तख्तापलट के बाद, सत्तारूढ़ जुंटा ने फ्रांसीसी सैनिकों को निष्कासित कर दिया और सुरक्षा सहायता के लिए रूसियों को नियुक्त किया.
सहेल क्षेत्र में हो गई सुरक्षा स्थिति ख़राब
इन देशों ने सहेल गठबंधन नामक एक नया सुरक्षा गठबंधन बनाने का संकल्प लिया है. हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि इन सैन्य सरकारों के सत्ता में आने के बाद से साहेल क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गई है. सरकारी बलों द्वारा किए गए जिहादी हमलों और हिंसा में बड़ी संख्या में नागरिक मारे जा रहे हैं.