समंदर में तबाही की तैयारी में किम जोंग! हवा के बाद अब पानी से बरसेगा कहर, बना रहा सबसे बड़ा युद्धपोत  

उत्तर कोरिया अपने सबसे बड़े और सबसे घातक युद्धपोत का निर्माण कर रहा है, जिसकी लंबाई लगभग 140 मीटर है. सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए सामने आया है कि यह युद्धपोत नम्पो शिपयार्ड में बन रहा है और यह गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट (FFG) होगा. यह समुद्र और जमीन दोनों से हमले की क्षमता रखेगा.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

उत्तर कोरिया एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है उसका समुद्र से हमला करने की तैयारी. किम जोंग उन पहले ही मिसाइल परीक्षणों के जरिये दुनिया को अपनी हवाई ताकत दिखा चुके है. वहीं अब वे समुद्र में भी अपनी शक्ति का लोहा मनवाने की तैयारी कर रहे हैं. हालिया सैटेलाइट तस्वीरों ने इस बात का खुलासा किया है कि उत्तर कोरिया पश्चिमी तट पर अपने सबसे बड़े और सबसे घातक युद्धपोत का निर्माण कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की परवाह किए बिना उत्तर कोरिया की यह सैन्य गतिविधि दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गई है. खासकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया के लिए यह नई चुनौती बनकर उभरी है.

नम्पो शिपयार्ड में बन रहा है समुद्री तबाही का जरिया

6 अप्रैल को मैक्सार टेक्नोलॉजीज और प्लैनेट लैब्स द्वारा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों में नम्पो शिपयार्ड में एक विशाल युद्धपोत निर्माणाधीन देखा गया है. यह शिपयार्ड राजधानी प्योंगयांग से करीब 60 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. यह युद्धपोत लगभग 140 मीटर लंबा है और यह उत्तर कोरिया का अब तक का सबसे बड़ा युद्धपोत हो सकता है.

मिसाइलों से लैस होगा ये मेगाशिप  

विश्लेषकों के अनुसार, यह युद्धपोत एक गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट (FFG) है, जिसे ज़मीन और समुद्र दोनों पर दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है. इसमें मिसाइल लॉन्च ट्यूब होंगे जो इसे लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम बनाएंगे. सीएनएन को दिए गए बयान में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के विशेषज्ञ जोसेफ बरमूडेज़ जूनियर और जेनिफर जून ने बताया, FFG लगभग 140 मीटर लंबा है, जो इसे उत्तर कोरिया में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत बनाता है.

अमेरिकी युद्धपोतों से तुलना  

यह उत्तर कोरियाई युद्धपोत आकार में अमेरिका के Arleigh Burke-class destroyers से थोड़ा छोटा है, जो लगभग 505 फीट लंबे होते हैं, जबकि अमेरिका के निर्माणाधीन Constellation-class frigates की लंबाई 496 फीट है. लेकिन उत्तर कोरिया जैसे सीमित संसाधनों वाले देश के लिए यह उपलब्धि काफी बड़ी मानी जा रही है.

प्रतिबंधों की परवाह नहीं

हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं, जिनके तहत उसे उन्नत हथियारों के निर्माण के लिए आवश्यक तकनीक और सामग्री तक सीमित पहुंच ही मिलती है. इसके बावजूद किम जोंग उन अपने सैन्य आधुनिकीकरण की रफ्तार थमने नहीं दे रहे हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन युद्ध के बाद उत्तर कोरिया और रूस के रिश्ते और प्रगाढ़ हुए हैं. इससे उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों से कुछ हद तक राहत मिली है, और वह रूस से अप्रत्यक्ष रूप से तकनीकी सहायता प्राप्त कर रहा है.

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14 April 2025, 01:02 PM IST

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