पाकिस्तानी संसद में ही बैठे हैं ‘हमलावर’! जानिए क्या है बाजोड़ हमले का चीन से कनेक्शन?
Pakistan Blast: पाकिस्तान में रविवार की शाम बड़ा धमाका देखने को मिला जिसमें 50 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई. कहीं ना कहीं इस घटना के पीछे पाकिस्तान की संसद में बैठे लोगों का ही हाथ है.
Pakistan Blast: रविवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के जिला बाजोड़ में एक ख़तरनाक बम धमाका हुआ. जिसमें अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. यह धमाका जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) के कन्वेंशन के दौरान हुआ है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक़ प्रशासन ने इस धमाके को खुदकुश हमला करार दिया है. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि इस धमाके के पीछे आईएसआईएस का है.
यहाँ यह बात भी क़ाबिले ज़िक्र है कि यह धमाका उस वक़्त हुआ जब चीन के उप-प्रधानमंत्री पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं. चीनी उप-प्रधानमंत्री पाकिस्तान के ख़्वाबों का गलियारा कहे जाने वाले सीपेक (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर, CPEC) की 10वीं सालगिरह के मौक़े पर पाकिस्तान आने वाले हैं.
इससे पहले साल 2014 में जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान का दौरा किया था तो उस वक़्त भी पाकिस्तान में जमकर विरोध प्रदर्शन चल रहे थे. इमरान खान के नेतृत्व में देशभर में नवाज़ शरीफ़ की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे. जिसकी वजह से शी जिनपिंग ने अपना दौरा भी कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया था. क्योंकि कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे.
इन दो घटनाओं की वजह से पाकिस्तान की जनता और कुछ जर्नलिस्ट इस हमले के पीछे देश के अंदर लोगों का ही हाथ बता रहे हैं. हालाँकि यह एक अलग मुद्दा है. इसलिए इसमें ना उलझते हुए हम आपको बताते हैं कि पाकिस्तान को वक़्त-वक्त गहरे ज़ख़्म देने वाले तो पाकिस्तानी संसद में बैठे हुए हैं. जो लोग इस तरह की घटनाओं पर शिकंजा कस सकते हैं वो हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं.
यह दावा हम हवा हवाई नहीं बल्कि पाकिस्तान की संसद में पेश हुए एक बिल की बुनियाद पर कर रहे हैं. हाल ही में पाकिस्तान नेशनल असेंबली में राज्य मंत्री शहादत इवान ने ‘हिंसक उग्रवाद रोकथाम विधेयक 2023’ पेश किया था, जिसे कड़े विरोध के बाद गिरा दिया गया. यानी संसद के अंदर बैठे अन्य नेताओं ने इस बिल का जमकर विरोध किया और आख़िर में स्पीकर साहब ने भी यह कहकर इस बिल को ड्रॉप दिया कि अगर सरकार इस बिल को ड्रॉप नहीं करती है तो फिर मैं करता हूँ. इससे ये साफ़ समझ आता है कि पाकिस्तानी संसद के अंदर बैठे नेता ख़ुद पाकिस्तान को आतंकवाद की कीचड़ से निकालना नहीं चाहते.
क्या है पाकिस्तान का हिंसक उग्रवाद रोकथाम विधेयक 2023
पाकिस्तान संसद में पेश किए गए बिल की बात करें तो इसमें कई ऐसी व्यवस्थाएँ थीं, जिनका पालन किया जाए तो शायद पाकिस्तान के अंदर के हालात पर कंट्रोल पाया जा सकता है.
➤ इस बिल के मुताबिक़ पाकिस्तान में हिंसक उग्रवाद, धार्मिक और राजनीतिक मामलों में ताक़त-हिंसा का उपयोग करना, सांप्रदायिकता के लिए डराना या फिर उकसाना, वित्तपोषण करने जैसी हरकतों पर लगाम लगाने की बात कही गई है.
➤ प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक किसी अनुसूचित व्यक्ति को सुरक्षा और आश्रय देना हिंसक उग्रवाद है, हिंसक उग्रवाद का समर्थन करना और इसके बारे में जानकारी फैलाना भी हिंसक उग्रवाद में शामिल है. सरकार ऐसे लोगों या संगठनों पर एक्शन लेने के लिए दो तरह की लिस्ट बनाएगी.
- पहली लिस्ट: हिंसक उग्रवाद में लिप्त संगठन शामिल होगा, जिसका नेता हिंसक है, इस सूची में वे संगठन भी शामिल होंगे जो नाम परिवर्तन के साथ फिर से उभरे हैं.
- दूसरी लिस्ट: इस लिस्ट में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो हिंसक उग्रवाद में शामिल हैं, लिस्ट नंबर दो में हिंसक संगठन, नेता या हिंसक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले लोगों को शामिल किया जाएगा.
➤ विधेयक में कहा गया है कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन या संगठन के नेता या व्यक्ति के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके अलावा सरकार आतंकवादी संगठन की संपत्ति की जांच करेगी.
➤ विधेयक में यह भी कहा गया है कि सरकार हिंसक संगठनों के नेताओं, अधिकारियों और सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखेगी. हिंसक संगठनों के नेताओं, अधिकारियों और सदस्यों के पासपोर्ट जब्त कर लिए जाएंगे और विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी.
➤ बिल के मुताबिक हिंसक संगठन के नेताओं, पदाधिकारियों और सदस्यों के हथियार लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे, संपत्ति और बैंक खाते जब्त कर लिए जाएंगे. इसके अलावा हिंसक संगठन को चुनाव और किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
➤ बिल में यह भी कहा गया है कि सूची में शामिल व्यक्ति को 90 दिन से 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है.
➤ शैक्षणिक संस्थान किसी भी व्यक्ति को हिंसक उग्रवाद में शामिल होने या इसे बढ़ावा देने की अनुमति नहीं देंगे, इसके अलावा कोई भी सरकारी कर्मचारी खुद को या अपने परिवार के सदस्यों को हिंसक उग्रवाद में शामिल होने की अनुमति नहीं देगा.
➤ हिंसक उग्रवाद कंटेंट को सोशल मीडिया से तुरंत हटा दिया जाएगा या ब्लॉक कर दिया जाएगा.
➤ बिल में कहा गया है कि मामले की जांच और पूछताछ पुलिस या किसी अन्य एजेंसी से कराई जाएगी.
➤ हिंसक उग्रवाद के दोषी व्यक्ति को तीन से दस साल की सज़ा और बीस लाख रुपये तक का जुर्माना होगा, इस कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को एक से पांच साल की जेल और दस लाख रुपये तक का जुर्माना होगा.
➤ हिंसक उग्रवाद में शामिल संगठन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, संगठन को भंग कर दिया जाएगा, कानून का उल्लंघन करने वाले संगठन पर 20 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. दोषी पाए जाने पर व्यक्ति या संगठन की संपत्ति और संपत्ति जब्त कर ली जाएगी.
➤ सहायता करने या बढ़ावा देने वाले व्यक्ति को भी दस साल तक की कैद और 100 रुपये का जुर्माना हो सकता है.
➤ अपराध करने वाले व्यक्ति को आश्रय देने वाले व्यक्ति को भी कैद और जुर्माना लगाया जाएगा, सरकार को जानकारी या सहायता प्रदान करने वाले व्यक्ति को सुरक्षा दी जाएगी.
अब गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के ‘हिंसक उग्रवाद रोकथाम विधेयक 2023’ में जो बातें लिखी गई हैं उनमें कोई भी बात ऐसी नज़र नहीं आ रही जिसका विरोध किया जा सके. लेकिन पाकिस्तान संसद में बैठे लोगों ने इस बिल को लोकतंत्र के ख़िलाफ़ और लोकतंत्र के ताबूत में आख़िरी कील तक करार दिया है.