पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का बीते रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन पर देश से लेकर विदेश तक शोक का लहर है. उनके निधन के बाद देश और दुनिया के नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मनमोहन सिंह को अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के "सबसे महान चैंपियनों" में से एक बताया.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने उन्हें अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के "महानतम चैंपियनों" में से एक बताया. ब्लिंकन ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते के प्रमुख समर्थक थे. उनके प्रयासों ने हमारे रिश्तों की नींव मजबूत की. भारत की आर्थिक प्रगति में उनका योगदान अद्वितीय है."
कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह असाधारण बुद्धिमत्ता और ईमानदारी के प्रतीक थे. उनके निधन से गहरा दुख पहुंचा है." अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने उन्हें "अफगानिस्तान के सच्चे मित्र और सहयोगी" के रूप में याद किया.
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा, "मनमोहन सिंह दयालु और विनम्र थे. उनका मालदीव के साथ हमेशा विशेष रिश्ता रहा." वहीं, रूस के नेताओं ने उनके योगदान को "भारत-रूस संबंधों के लिए अतुलनीय" बताया. डॉ. मनमोहन सिंह का सौम्य स्वभाव, उनकी गहरी आर्थिक विशेषज्ञता और भारत की प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें न केवल भारत बल्कि विश्वभर में सम्मानित नेता बनाया. उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है. First Updated : Friday, 27 December 2024