Science News in Hindi: NASA और Roscosmos ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 50 ऐसे 'चिंता वाले इलाकों' की पहचान की है, जिनमें लीक की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. NASA के इंस्पेक्टर जनरल ऑफिस (OIG) ने एक रिपोर्ट में इस लीक को लेकर चिंता जताई है. ISS के रूसी हिस्से में यह लीक 2019 से चल रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि NASA और Roscosmos इसे ठीक करने में लगे हुए हैं, लेकिन यह एस्ट्रोनॉट्स के लिए एक बड़ा 'सुरक्षा खतरा' बना हुआ है.
NASA के अधिकारियों ने बताया कि वे ISS पर चार मुख्य दरारों और 50 अन्य ऐसे क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं, जहां लीक हो रहा है. इन दरारों को Roscosmos ने सीलेंट और पैच लगाकर भरने की कोशिश की है. NASA ने कहा कि यह लीक एक गंभीर चिंता का विषय है और इसे 'सेफ्टी कंसर्न' के रूप में टॉप प्राथमिकता दी गई है.
NASA के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जिम फ्री ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने इस लीक की गंभीरता को लेकर कई बार चिंता जताई है. उन्होंने बताया कि चूंकि लीक उस हैच के पास हो रहे हैं, Roscosmos ने NASA से कहा कि उस हैच को जितना संभव हो सके बंद रखा जाए. फ्री ने कहा, "हमने यह तय किया है कि एस्ट्रोनॉट्स उसे हर शाम बंद करेंगे."
NASA ने कहा कि इसके अमेरिकी हिस्से में रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स को हमेशा एस्केप वीइकल के पास रखा जाता है. एस्केप वीइकल एक सुरक्षा वाहन है, जिसे किसी आपात स्थिति में एस्ट्रोनॉट्स की मदद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, NASA ने यह भी स्पष्ट किया कि इस समय एस्ट्रोनॉट्स को किसी प्रकार का तत्काल खतरा नहीं है.
इस लीक का पता पहले 5 साल पहले चला था, और तब से लगातार इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है. स्पेस स्टेशन को 2030 तक काम करने का लक्ष्य रखा गया है, और इस दौरान अंतरिक्ष एजेंसियां यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि छोटी-मोटी घटनाओं से ISS के ऑपरेशन में कोई रुकावट न आए. जब ISS की जरूरत पूरी हो जाएगी, तब उसे कक्षा से बाहर कर दिया जाएगा. First Updated : Saturday, 16 November 2024