Maldives: मालदीव और भारत के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे, उनमें खटास आ गई है. यह कड़वाहट उस वक्त आई जब मालदीव के मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. अब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के एक गलत फैसले ने 14 साल के मासूम की जान ले ली. दरअसल, बच्चे को मेडिकल इमरजेंसी के लिए भारतीय डोर्नियर विमान की जरूरत थी, जिसकी मालदीव सरकार ने इजाजत नहीं दी. इलाज में देरी के कारण शनिवार को बच्चे की जान चली गयी.
जानकारी के मुताबिक, घटना बुधवार की है. लड़के को ब्रेन ट्यूमर था और स्ट्रोक पड़ने के बाद उसकी हालत गंभीर हो गई थी. उसके बाद उनके परिवार ने उन्हें गैफ़ अलिफ़ विलिंगिली स्थित उनके घर से राजधानी माले ले जाने के लिए एक एयर एम्बुलेंस का अनुरोध किया. परिवार का आरोप है कि अधिकारी तत्काल चिकित्सा निकासी की व्यवस्था करने में विफल रहे.
मृत लड़के के पिता ने बताया 'मैंने स्ट्रोक के तुरंत बाद उसे माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन को फोन किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने गुरुवार सुबह 8.30 बजे फोन का जवाब दिया. इस तरह के मामले के लिए एयर एम्बुलेंस ही एकमात्र समाधान है. आपातकालीन एयरलिफ्ट का अनुरोध करने के 16 घंटे बाद बच्चे को माले लाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
भारत ने पहले मालदीव को चिकित्सा निकासी और अन्य उच्च उपलब्धता आपदा रिकवरी (हार्ड) गतिविधियों के लिए दो नौसैनिक हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान प्रदान किया है. हालाँकि, मालदीव सरकार द्वारा भारतीय सैनिकों को वापस भेजने की जिद के कारण भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों का भविष्य अधर में है. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने सैनिक वापस बुलाने को कहा है. हालांकि, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि मुद्दे का समाधान खोजने के लिए अभी भी बातचीत चल रही है. First Updated : Sunday, 21 January 2024