मार्क कार्नी बने कनाडा के नए PM, जस्टिन ट्रूडो को किया रिप्लेस, ट्रंप से रिश्ता सुधारना चुनौती
मार्क कार्नी ने शुक्रवार को कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. अमेरिका के साथ चल रहे खराब रिश्तों के बीच उन्होंने जस्टिन ट्रूडो को तो रिप्लेस कर दिया है, लेकिन उनके सामने अब डोनाल्ड ट्रंप के साथ रिश्ता सुधारना सबसे बड़ी चुनौती है. क्योंकि मौजूदा समय में कनाडा कई तरह के अमेरिकी प्रतिबंधों से जूझ रहा है.

Canada new PM Mark Carney: मार्क कार्नी ने शुक्रवार को कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और इस तरह देश की राजनीति में एक नया दौर शुरू हुआ. उनका मुख्य उद्देश्य कनाडा और अमेरिका के बिगड़ते रिश्तों को सुधारना होगा, जो डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद और अधिक जटिल हो गए हैं. कार्नी ने जस्टिन ट्रूडो की जगह ली है, जो 2015 से प्रधानमंत्री पद पर थे.
मार्क कार्नी का नाम बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में एक विश्वसनीय नेतृत्व के रूप में जाना जाता है. 2008 में, जब ग्लोबल इकोनोमिक क्राइसिस का सामना कर रहे थे, तो उन्होंने बैंक ऑफ कनाडा के प्रमुख के रूप में देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2013 में, वह बैंक ऑफ इंग्लैंड के पहले गैर-ब्रिटिश गवर्नर बने और वहां भी ब्रेक्सिट के आर्थिक प्रभावों को कम करने में अहम योगदान दिया.
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने का बाद कनाडा-अमेरिका के बिगड़े रिश्ते
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, कनाडा और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक रिश्तों में दरार आ गई है. ऐसे में, कार्नी के सामने इस स्थिति को संभालने और सुधारने की बड़ी चुनौती है. इस बीच, उन्हें 2 अप्रैल को लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा का नेता चुना गया था.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कार्नी का मंत्रिमंडल ट्रूडो के कैबिनेट से काफी छोटा हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, नए मंत्रिमंडल में 15 से 20 मंत्री हो सकते हैं, जबकि ट्रूडो के कैबिनेट में 37 मंत्री थे.
ट्रंप ने कनाडा पर लगाए हैं कई प्रतिबंध
ट्रंप ने कनाडा के स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगाया है और 2 अप्रैल को सभी कनाडाई उत्पादों पर बड़े टैरिफ लगाने की धमकी दी है. उन्होंने अपने आर्थिक दबाव की धमकियों में कनाडा को अपने नियंत्रण में लेने की बात भी की थी. इसके अलावा, ट्रंप का यह बयान कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना दिया जाए, कनाडा में अप्रिय प्रतिक्रियाएं पैदा कर रहा है. न केवल कनाडाई लोग अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं, बल्कि वे ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं.