दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा, राजनीतिक तनाव अपने चरम पर!

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा करते हुए विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इसे साम्यवादी खतरों और देशविरोधी ताकतों से निपटने के लिए जरूरी कदम बताया. इस फैसले के बाद संसद बंद कर दी गई और सेना अलर्ट पर है. क्या यह कदम लोकतंत्र की रक्षा के लिए है या सत्ता संघर्ष का नतीजा? पूरी खबर पढ़ें और जानें कि आखिर देश में ऐसा क्या हुआ जो राष्ट्रपति को यह कठोर कदम उठाना पड़ा.

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Edited By: Aprajita

Martial Law Declared in South Korea: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने मंगलवार को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा कर दी. उन्होंने इस कदम को देश की सुरक्षा के लिए 'अपरिहार्य' बताया. राष्ट्र के नाम लाइव संबोधन में उन्होंने उत्तर कोरिया की साम्यवादी ताकतों और राज्य-विरोधी तत्वों को मुख्य खतरा बताया. राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यह कार्रवाई उत्तर कोरिया के खतरों से दक्षिण कोरिया की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर तीखे आरोप लगाए कि वे "शासन को पंगु बनाकर सत्ता को उखाड़ फेंकने की कोशिश" कर रहे हैं.

बजट विवाद से बढ़ा तनाव

मार्शल लॉ की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब यून की पीपुल्स पावर पार्टी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच अगले साल के बजट को लेकर जबरदस्त विवाद चल रहा है. विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति के प्रस्तावित 677 ट्रिलियन वॉन के बजट में 4.1 ट्रिलियन वॉन की कटौती की है.

यह कटौती राष्ट्रपति कार्यालय, पुलिस, अभियोजन पक्ष और राज्य लेखा परीक्षा एजेंसी के बजट में की गई है. राष्ट्रपति ने विपक्षी सांसदों को "राज्य-विरोधी ताकतें" करार दिया और आरोप लगाया कि वे "अपराधियों के लिए नेशनल असेंबली को सुरक्षित ठिकाना बना रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष ने सार्वजनिक सुरक्षा, नशीली दवाओं के अपराधों और अन्य राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़े बजट में कटौती कर देश को अराजकता की स्थिति में डाल दिया है.

नेशनल असेंबली सील, सेना को अलर्ट पर रखा गया

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, मार्शल लॉ लागू होते ही नेशनल असेंबली के प्रवेश द्वार को सील कर दिया गया और सांसदों को भवन में प्रवेश करने से रोक दिया गया. इसके साथ ही, देश की सभी सैन्य इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है. यह कदम उत्तर कोरिया के साथ तकनीकी युद्ध स्थिति के चलते उठाया गया है.

राष्ट्रपति की घटती लोकप्रियता

दरअसल मार्शल लॉ की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में हुए एक गैलप सर्वेक्षण में यून की अनुमोदन रेटिंग गिरकर 19 प्रतिशत पर आ गई है. उनकी पत्नी किम किऑन ही से जुड़े विवाद और आर्थिक स्थिति को लेकर जनता में असंतोष बढ़ा है. राष्ट्रपति यून ने अपने संबोधन में कहा कि वह देश में सामान्य स्थिति बहाल करने और राज्य-विरोधी ताकतों का सफाया करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हालांकि, यह कदम दक्षिण कोरिया के लोकतंत्र और विदेशी संबंधों पर क्या असर डालेगा, यह अभी अनिश्चित है. दक्षिण कोरिया की यह स्थिति पूरी दुनिया की नजर में है. अब देखना यह है कि देश इस संकट से कैसे निपटता है और क्या विपक्षी दलों के साथ कोई सुलह का रास्ता निकलता है.

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03 December 2024, 10:16 PM IST

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