Martial law in South Korea: दक्षिण कोरिया में 1980 के बाद पहली बार मार्शल लॉ लागू किया गया है. राष्ट्रपति यून सूक योल ने मंगलवार रात 11 बजे से यह कठोर कदम उठाने की घोषणा की. यह निर्णय उस समय लिया गया है जब सरकार और विपक्ष के बीच बजट को लेकर तीखी बहस जारी थी.
मार्शल लॉ लागू होते ही देश की सभी सैन्य इकाइयों को उच्च स्तर की तत्परता पर रखा गया है. इस अप्रत्याशित घोषणा ने देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चौंका दिया है. आइए जानते हैं मार्शल लॉ के तहत क्या प्रतिबंध लगाए गए हैं और इसका नागरिकों पर क्या प्रभाव होगा.
मार्शल लॉ के तहत संसद, स्थानीय परिषदों, राजनीतिक दलों, रैलियों और विरोध प्रदर्शनों सहित सभी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. किसी भी राजनीतिक संघ या संबद्धता की अनुमति नहीं है.
प्रिंट, रेडियो, टीवी, इंटरनेट और सोशल मीडिया सहित सभी प्रकार के मीडिया को अब मार्शल लॉ कमांड के नियंत्रण में रखा गया है. किसी भी प्रकार की फर्जी खबर या गलत सूचना को प्रसारित करना दंडनीय है.
दक्षिण कोरिया में अब हड़ताल, विरोध प्रदर्शन या रैलियों का आयोजन पूरी तरह से प्रतिबंधित है. सामाजिक अराजकता फैलाने या हिंसा भड़काने वाली किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं होगी.
फर्जी खबरें, भ्रामक सूचना और जनमत को प्रभावित करने वाली सामग्री को प्रतिबंधित कर दिया गया है. उदार लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले व्यक्तियों या संगठनों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
सभी चिकित्सक, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ—चाहे सेवा में हों या सेवानिवृत्त—को 48 घंटे के भीतर ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया गया है. इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों को मार्शल लॉ के तहत दंडित किया जाएगा.
मार्शल लॉ के कारण नागरिकों से उनके दैनिक जीवन में असुविधा को कम करने के लिए संयम बरतने की अपील की गई है.
जो कोई भी मार्शल लॉ के आदेशों का उल्लंघन करेगा, उसे बिना वारंट के गिरफ्तार किया जाएगा और मार्शल लॉ अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत दंडित किया जाएगा. आदेशों का उल्लंघन करने वाले लोगों को मार्शल लॉ अधिनियम (दंड) की धारा 14 के अंतर्गत दंडित किया जाएगा. First Updated : Tuesday, 03 December 2024