क्या फेल हो रही है यूनुस सरकार उर्स के दौरान दरगाहों पर हमला, जानें बांग्लादेश के हाल

Bangladesh News: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भी हालात अभी सुधर नहीं रहे हैं. मो. यूनुस के अंतरिम सरकार प्रमुख बनने के बाद भी कई घटानाएं सामने आ रही है. हालही में सूफी दरगाहों पर हमलों के मामले सामने आए हैं. हमले की खबरें आने के बाद, श्रद्धालु और स्वयंसेवक दरगाहों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं उठा रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके.

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Bangladesh News: बांग्लादेश में छात्रों के आंदोलन के कारण शेख हसीना का सरकार गिर गई. उन्हें देश तक छोड़ना पड़ा. इस पूरे आंदोलन में जमकर मारकाट हुई. इसके बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया. इसके प्रमुख नोबेल विजेता मो. यूनुस बने. उन्हें देश में शांति, बहाल करने की बात कही लेकिन हालात अब भी कुछ खास नहीं सुधर पाए हैं. कुछ दिनों पहले सिलहट में सूफी दरगाहों पर हमलों में हमले की खबरें आई हैं. इसके बाद से श्रद्धालु और स्वयंसेवक अलर्ट हो गए हैं. उन्होंने दरगाहों के सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली है.

बांग्लादेश की मीडिया के अनुसार, कुछ शरारती तत्वों ने सिलहट में हजरत शाह परान दरगाह पर रात के समय हमला किया, जब श्रद्धालु उर्स मना रहे थे. शाह परान, 14वीं सदी के सूफ़ी संत थे, जिन्होंने अपने मामा शाह जलाल के नेतृत्व में 1303 में सिलहट की विजय में भाग लिया था.

श्रद्धालुओं में भय का माहौल

इन हमलों की खबर से श्रद्धालुओं में डर व्याप्त हो गया है. ढाका के बीचों बीच स्थित गोलाप शाह सूफी दरगाह के लंबे समय से तैनात सुरक्षा गार्ड जहीर ने बताया कि राजधानी के बाहर की दरगाहों पर हुए हमलों की जानकारी से वह सदमे में हैं. जहीर ने ANI को बताया कि दरगाहों में बहुत परेशानी हुई. हम भारी दबाव में थे. शरारती तत्वों ने दरगाहों पर हमला करने की धमकी दी.

सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बल और श्रद्धालुओं के स्वयंसेवी समूह विभिन्न दरगाहों, विशेषकर गोलाप शाह दरगाह पर तैनात कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि सेना सहित विभिन्न सुरक्षा बलों ने पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की है. श्रद्धालु यहां तैनात हैं. वे चार-पांच दिनों से दिन-रात, 24 घंटे यहां मौजूद हैं. अल्लाह के फजल से यहां कोई उपद्रव नहीं हुआ.

अंतरिम सरकार का कड़ा रुख

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और सुरक्षा बलों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ शरारती तत्व देश के सूफी दरगाहों और मजारों पर हमले कर रहे हैं. हम किसी भी प्रकार की नफरत भरी बयानबाजी और धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों पर हमलों की कड़ी निंदा करते हैं. हमलों में शामिल असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

बयान में आगे कहा गया कि बांग्लादेश सैकड़ों वर्षों से सभी विश्वासों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का देश रहा है. हम स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि हम सद्भाव का देश बने रहेंगे और धार्मिक या सांस्कृतिक सहिष्णुता को भंग करने के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाएगा.

छात्र आंदोलन और अंतरिम सरकार का गठन

एक महीने पहले छात्र आंदोलन के चलते बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस आंदोलन और हिंसा में 600 से अधिक लोगों की जान गई थी. शेख हसीना 5 अगस्त को भारत भाग गईं और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया.

First Updated : Monday, 16 September 2024