मॉस्को और वॉशिंगटन के बीच काला सागर में युद्धविराम पर बैठक, क्या हो रही है सुलह?
व्हाइट हाउस ने कहा है कि इस वार्ता का उद्देश्य काला सागर (Black Sea) में समुद्री युद्ध विराम पर पहुंचना है, ताकि इस क्षेत्र में जहाजों का बेरोक-टोक और सुक्षिक मुक्त प्रवाह हो सके.

यूक्रेन-रूस युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन कड़ी मेहनत कर रहा है. इसी कोशिश में सऊदी अरब की राजधानी रियाद के रिट्ज-कार्लटन होटल में रूस और अमेरिका के प्रतिनिधियों के बीच सोमवार को लंबी बैठक हुई. रूस की समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, यह बैठक 12 घंटे से ज्यादा चली. मंगलवार को दोनों देशों द्वारा संयुक्त बयान जारी किए जाने की संभावना है.
रविवार को अमेरिका और यूक्रेन के बीच भी बातचीत हुई थी. अरब न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ निदेशक एंड्रयू पीक और विदेश विभाग के अधिकारी माइकल एंटोन कर रहे थे, जबकि रूस का प्रतिनिधित्व रूस की विदेश मामलों की समिति के प्रमुख ग्रिगोरी करासिन और एफएसबी के सर्गेई बेसेडा कर रहे थे.
काला सागर में युद्धविराम
व्हाइट हाउस ने कहा कि इस बातचीत का उद्देश्य काला सागर में समुद्री युद्धविराम स्थापित करना है, ताकि जहाजों का आवागमन आसानी से हो सके. अमेरिका को उम्मीद है कि यह वार्ता शांति की दिशा में एक कदम होगा. रूस के एक सूत्र ने बताया कि दोनों देशों ने संयुक्त बयान के मसौदे पर सहमति बना ली है, जिसे मंजूरी के लिए दोनों देशों की सरकारों को भेजा गया है. हालांकि, रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस बयान को ज्यादा महत्व नहीं दिया और कहा कि यह मुख्यत: नेविगेशन की सुरक्षा के बारे में है.
काला सागर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह क्षेत्र यूरोप और एशिया के बीच स्थित है और यह कई देशों को जोड़ता है. इसके अलावा, यह समुद्री परिवहन का एक अहम मार्ग है और रूस और नाटो के बीच रणनीतिक बफर के रूप में कार्य करता है. युद्ध के बाद से यह क्षेत्र अशांत हो गया था, जिससे व्यापारिक जहाजों का आवागमन मुश्किल हो गया था. हालांकि, हाल के महीनों में शांति बनी हुई है, और यूक्रेन ने अपने शिपिंग लेन पर कुछ नियंत्रण पा लिया है.
संयुक्त राष्ट्र ने काला सागर में युद्धविराम
2022 में तुर्की और संयुक्त राष्ट्र ने काला सागर में युद्धविराम के लिए समझौता कराने में मदद की थी, जिससे यूक्रेन से अनाज का सुरक्षित निर्यात संभव हो सका था. लेकिन रूस ने 2023 में इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था, क्योंकि उसे अपने खाद्य और उर्वरक निर्यात में समस्याएं आ रही थीं. अब अमेरिका चाहता है कि काला सागर में युद्धविराम लागू कर दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल किया जाए और फिर धीरे-धीरे पूर्ण युद्धविराम की दिशा में कदम बढ़ाए जाएं.