दोहा में लश्कर-ए-तैयबा और हमास नेताओं की बैठक,भारत की बढ़ी चिंता

Meeting of Lashkar-e-Taiba and Hamas: लश्कर-ए-तैयबा के नेता सैफुल्लाह खालिद और हमास नेता खालिद मेशाल के बीच कतर की राजधानी दोहा में हुई बैठक ने नई दिल्ली में चिंता बढ़ा दी है. दरअसल खालिद को 2018 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने आतंकवादी घोषित किया गया था और वह इस समय पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) का नेता है, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक राजनीतिक मुखौटा संगठन है.

calender

Meeting of Lashkar-e-Taiba and Hamas: लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जिसे अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है. इसके नेता सैफुल्लाह खालिद और हमास नेता खालिद मेशाल के बीच कतर की राजधानी दोहा में हुई बैठक ने नई दिल्ली में चिंता बढ़ा दी है. दरअसल खालिद को 2018 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने आतंकवादी घोषित किया गया था और वह इस समय पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) का नेता है, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक राजनीतिक मुखौटा संगठन है.

 उसे पीएमएमएल की मीडिया ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में मेशाल के साथ देखा गया था. वीडियो में पीएमएमएल के उपाध्यक्ष फैसल नदीम भी शामिल हैं, जिन्हें पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका के लिए अमेरिका द्वारा नामित किया गया है. वीडियो के अनुसार, लश्कर के नेताओं ने तेहरान में एक संदिग्ध इजरायली हमले में हमास नेता इस्माइल हनीया की हत्या पर अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए मेशाल से मुलाकात की.

मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड

खालिद को लश्कर संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है, जो 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था. उसे 2018 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने लश्कर की ओर से काम करने के लिए पीएमएमएल के मिल्ली मुस्लिम लीग के साथ विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादियों (एसडीजीटी) की लिस्ट में शामिल किया गया था.

लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान में राजनीतिक पार्टी

भारत की एक केंद्रीय खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी को हमास नेता से मिलने के लिए दोहा जाने की अनुमति देने के फैसले को दिलचस्प बताया. अधिकारी ने कहा कि ऐसी हरकतें इस्लामाबाद के दोहरे मानदंडों को अपने आप उजागर कर देती हैं. अधिकारी ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि कागजों पर प्रतिबंधित होने के बावजूद लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान में एक राजनीतिक पार्टी की आड़ में खुलेआम अपनी गतिविधियां चलाता है और वहां की सरकार से उसे समर्थन प्राप्त है.

लश्कर के कार्यकर्ता हमास के समर्थन में

यह पहली बार नहीं है कि लश्कर के कार्यकर्ता हमास के समर्थन में सामने आए हैं. हमास नेता मेशाल के एक प्रतिनिधि ने पिछले साल कराची में खालिद, नदीम और पीएमएमएल के अन्य नेताओं के साथ मंच साझा किया था, जब उन्होंने इजरायल विरोधी प्रदर्शनों का आह्वान किया था. पीएमएमएल ने फरवरी 2024 में पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में हिस्सा लिया था. हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा ने पार्टी के टिकट पर लाहौर की एक सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित लतीफ खोसा से हार गए थे.

आतंकी सरगनाओं की आज़ादी

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) में सेंटर फॉर सिक्योरिटी, स्ट्रैटेजी एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. समीर पाटिल ने कहा कि सैफुल्लाह खालिद की अंतरराष्ट्रीय यात्रा से पता चलता है कि आतंकवादी समूहों और उनसे जुड़े आतंकवादियों पर नकेल कसने के पाकिस्तान के ऐलान के बावजूद, यह सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है. हकीकत में, इससे न सिर्फ़ पाकिस्तान के भीतर बल्कि विदेशों में भी लगातार गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकी सरगनाओं की आज़ादी से काम करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ा है.
  First Updated : Wednesday, 21 August 2024