मोदी जी नहीं डरने वाले... ताइवान की चीन को लताड़, जानें क्या है मामला?
Taiwan On China: ताइवान की तरफ से यह तीखा बयान चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा पीएम मोदी और ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते के बीच उन संदेशों के आदान-प्रदान पर आपत्ति जताने के बाद आए, जिसमें लाई चिंग ने भारत में 2024 के आम चुनावों में पीएम मोदी को उनकी जीत पर बधाई दी थी.
Taiwan On China: ताइवान ने आज( 18 जून) को द्वीप राष्ट्र और भारत के बीच संदेशों के आदान-प्रदान पर चीन की तरफ से आलोचना किए जाने को लेकर पलटवार किया है. ताइवान के उप-विदेश मंत्री टीएन चुंग-क्वांग ने अपने एक बयान में कहा कि न तो उनके राष्ट्रपति और न ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन से डरने वाले हैं. ताइवान की तरफ से यह तीखा बयान चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा पीएम मोदी और ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते के बीच उन संदेशों के आदान-प्रदान पर आपत्ति जताने के बाद आए, जिसमें लाई चिंग ने भारत में 2024 के आम चुनावों में पीएम मोदी को उनकी जीत पर बधाई दी थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत और ताइवान के बीच मजबूत संबंधों की बात पर चीन की आलोचना के बारे में ताइवानी उप विदेश मंत्री से सवाल पूछा गया. इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि पीएम मोदी और हमारे राष्ट्रपति डरेंगे नहीं.' बता दें कि पिछले महीने चुने गए ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने 7 जून को एक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी जीत पर बधाई दी थी.
#WATCH | Taipei | "...I think Modi ji and our President will not be intimidated...," says Deputy Foreign Minister of Taiwan, Tien Chung-kwang on the Chinese Foreign Ministry raising objections on the exchange of messages between PM Modi and Taiwan President on his message on his… pic.twitter.com/GFnqD6dZ3x
— ANI (@ANI) June 18, 2024
बधाई संदेश में क्या बोले थे ताइवान के राष्ट्रपति?
ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते एक्स पर लिखा था, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई. हम तेजी से बढ़ती ताइवान-भारत साझेदारी को बढ़ाने, इंडोपैसिफिक में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं.” संदेश का जवाब देते हुए, पीएम मोदी ने कहा था, “राष्ट्रपति लाई चिंग ते, गर्मजोशी भरे संदेश के लिए आपका धन्यवाद. मैं घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं क्योंकि हम पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हैं.”
चीन ने क्या जताई थी आपत्ति?
इस दौरान दोनों शीर्ष नेताओं के बीच संदेशों के आदान-प्रदान के तुरंत बाद, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पीएम मोदी और लाई चिंग ते के बीच बातचीत के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था, “सबसे पहले, ताइवान क्षेत्र के ‘राष्ट्रपति’ जैसी कोई चीज नहीं है.”
चीनी प्रवक्ता ने कहा था, “जहां तक आपके सवाल का संबंध है, चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है. दुनिया में एक ही चीन है और ताइवान पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के क्षेत्र का एक अभिन्न हिस्सा है.