मां नहीं चुड़ैल है! महिला ने ओवन में डाले 2 मासूम, चालू कर दी दर्दनाक मौत
Crime News: जॉर्जिया से एक ममता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मां ने अपने 2 मासूम बेटों को ओवन में डालकर उन्हें दर्दनाक मौत दी. बच्चों की हत्या के आरोप में महिला को अब जेल में ही अपना पूरा जीवन बिताना पड़ेगा. महिला के पति ने बताया कि हत्या के बाद उसकी पत्नी ने उसे वीडियो कॉल किया था.
Crime News: जॉर्जिया से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां ने अपने दो मासूम बेटों को ओवन में डालकर मौत के घाट उतार दिया. इस हृदयविदारक घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया, बल्कि दुनियाभर में मां की ममता पर सवाल खड़े कर दिए.
घटना की शुरुआत 2017 में हुई थी, जब विलियम्स ने अपने बेटों की दर्दनाक हत्या की. अदालत ने उन्हें हत्या सहित 14 गंभीर अपराधों में दोषी ठहराया. दोषी महिला लामोरा विलियम्स को अब जीवन भर जेल में रहना होगा. इस मामले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है.
बच्चों को ओवन में डालकर की हत्या
अक्टूबर 2017 में लामोरा विलियम्स ने अपने दो वर्षीय बेटे के-यौंते पेन और एक वर्षीय जैकाटर पेन को ओवन में डालकर मार डाला. बच्चों के शरीर पर भयानक जलने के निशान पाए गए. हालांकि, उनका तीसरा बच्चा, जो तीन साल का था, सुरक्षित था.
पुलिस की जांच
विलियम्स ने घटना के बाद 911 पर फोन कर कहा कि वह काम से घर लौटी तो बच्चों को मृत पाया. हालांकि, पुलिस ने जांच में पाया कि उन्होंने 911 पर कॉल करने से एक रात पहले ही बच्चों को ओवन में डाल दिया था. गिरफ्तारी वारंट के अनुसार, बच्चों के सिर ओवन में फंसे हुए थे.
बच्चों के बाप को किया वीडियो कॉल
बच्चों के पिता जमील पेन ने पुलिस को बताया कि विलियम्स ने घटना के बाद उन्हें वीडियो कॉल किया. इस दौरान उन्होंने बच्चों को बेसुध पड़ा देखा. उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी. पेन ने इस दृश्य को 'एक वास्तविक हॉरर फिल्म जैसा' बताया.
मानसिक बीमारी से जूझ रही महिला
लामोरा विलियम्स लंबे समय से मानसिक बीमारी से जूझ रही थीं. उनके पिता का निधन जब हुआ, तब वह 19 वर्ष की थीं. चार बच्चों की एकल मां होने के साथ-साथ पेन के साथ ब्रेकअप ने भी उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया.
कोर्ट का फैसला
अदालत ने लामोरा विलियम्स को हत्या, गंभीर हमले, बच्चों के प्रति क्रूरता और झूठे बयान सहित 14 आरोपों में दोषी ठहराया. उन्हें बिना पैरोल की संभावना के आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और अतिरिक्त 35 साल की सजा भी दी गई. अभियोजन पक्ष ने घटना को 'जानबूझकर किया गया अमानवीय कृत्य' करार दिया.