एमपॉक्स ने मचाया कहर! WHO ने घोषित किया पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी
MPOX wreaked havoc: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को एमपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है. यह घोषणा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल संक्रमण के प्रकोप के बाद की गई है जो पड़ोसी देशों में भी फैल गया है. दो साल में यह दूसरी बार है, जब एमपॉक्स को वैश्विक आपातकाल की श्रेणी में डाला है. इसे लेकर बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी, जिसमें इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने का फैसला लिया गया.
MPOX wreaked havoc: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कांगो और अफ्रीका के अन्य स्थानों में एमपॉक्स प्रकोप को देखते हुए इमरजेंसी घोषित कर दिया है, जिसमें एक दर्जन से अधिक देशों में बच्चों और वयस्कों में मामले सामने आए हैं और वायरस का एक नया रूप फैल रहा है. यहां पर वैक्सीन की कुछ खुराकें उपलब्ध हैं. इस सप्ताह के शुरूआत में, अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र ने घोषणा की थी कि एमपॉक्स प्रकोप एक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है, जिसमें 500 से अधिक मौतें हुई हैं, साथ ही वायरस को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मदद का आह्वान किया गया था.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने कहा कि यह ऐसी चीज है जिससे हम सभी को चिंतित होना चाहिए. अफ्रीका और उसके बाहर इसके फैलने की संभावना बहुत चिंताजनक है. अफ्रीका सीडीसी ने पहले कहा था कि इस साल 13 देशों में एमपॉक्स, जिसे मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है, का पता चला है और सभी मामलों और मौतों में से 96% से ज़्यादा कांगो में हैं. पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मामलों में 160% और मौतों में 19% की वृद्धि हुई है. अब तक 14,000 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 524 लोगों की मौत हो चुकी है.
एमपॉक्स ने बढ़ाई चिंता
दक्षिण अफ़्रीकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ सलीम अब्दुल करीम, जो अफ़्रीका सीडीसी आपातकालीन समूह के अध्यक्ष हैं, ने बताया कि हम अब ऐसी स्थिति में हैं जहां (एमपॉक्स) मध्य अफ़्रीका और उसके आस-पास के कई और पड़ोसियों के लिए ख़तरा पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि कांगो से फैल रहे एमपॉक्स के नए वेरिएंट की मृत्यु दर लगभग 3-4% है.
70 से अधिक देश प्रभावित
वैश्विक 2022 एमपॉक्स प्रकोप के दौरान, जिसने 70 से अधिक देशों को प्रभावित किया, 1% से भी कम लोगों की मृत्यु हुई. साथ ही लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में मेडिसिन के प्रोफेसर माइकल मार्क्स ने कहा कि अफ्रीका में एमपॉक्स प्रकोप को आपातकाल घोषित करना उचित है, यदि इससे उन्हें रोकने के लिए अधिक सहायता मिल सके.
शिविरों में एमपॉक्स के फैला
उन्होंने कहा कि यह वैश्विक समुदाय की विफलता है कि आवश्यक संसाधनों को जारी करने के लिए हालात इतने खराब हो गए. अफ्रीका सीडीसी के अधिकारियों ने बताया कि कांगो में लगभग 70% मामले 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों में हैं, तथा 85% मौतें भी बच्चों की ही होती हैं. कांगो में अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी संस्थाओं के साथ काम कर रहे महामारी विज्ञानी जैक्स अलोंडा ने कहा कि वह और अन्य विशेषज्ञ देश के संघर्षग्रस्त पूर्वी भाग में शरणार्थियों के शिविरों में एमपॉक्स के फैलने को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं.