'28 अक्टूबर तक इस्तीफा दें': जस्टिन ट्रूडो को भारत-कनाडा कूटनीतिक तनाव के बीच अपनी ही पार्टी के सांसदों का अल्टीमेटम 

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अपनी लिबरल पार्टी के कुछ सांसदों ने बुधवार को नेता से चौथी बार चुनाव न लड़ने को कहा, जिससे उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा उनके सामने आ गई। अगर ट्रूडो ने अपनी पार्टी के सांसदों की बात नहीं मानी तो उन्हों जाना पड़ सकता है। 

Lalit Sharma
Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपनी ही पार्टी के भीतर से विरोध का सामना करना पड़ रहा है, कई लिबरल सांसदों ने उनसे इस्तीफा मांगा है। उन्होंने उन्हें अपना निर्णय लेने के लिए 28 अक्टूबर तक की समयसीमा दी है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लिबरल सांसदों ने चेतावनी दी है कि ट्रूडो को 28 अक्टूबर तक पद छोड़ देना चाहिए नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

लिबरल सांसदों के साथ तीन घंटे तक चली बैठक के बाद मुस्कुराते हुए ट्रूडो ने कहा कि लिबरल "मजबूत और एकजुट" हैं। तीन लिबरल पार्टी के सांसदों ने कहा कि वे पार्टी के उन 20 से अधिक सांसदों में शामिल हैं जिन्होंने ट्रूडो को अगले चुनाव से पहले पद छोड़ने के लिए कहने वाले पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में 153 सांसद हैं

पीएम जस्टिन को लोगों की बात सुननी ही होगी-मैकडोनाल्ड

न्यूफाउंडलैंड से लिबरल सांसद केन मैकडोनाल्ड ने कहा, "उन्हें सुनना शुरू करना होगा, लोगों की बात सुननी होगी।" उन्होंने कहा कि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। मैकडोनाल्ड, जो दोबारा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, ने कहा कि उनके कुछ सहकर्मी, जो आगामी चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, खराब मतदान संख्या और लिबरल्स की घटती लोकप्रियता के कारण घबराये हुए हैं। ट्रूडो ने कहा था कि वे फिर से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। पर बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि पिछले 100 से अधिक वर्षों में कोई भी कनाडाई प्रधानमंत्री लगातार चार बार चुनाव नहीं जीत पाया है।

ट्रूडो के समर्थन में नहीं हैं सभी सांसद

लिबरल पार्टी के सदस्य और रोजगार मंत्री रैंडी बोइसोनॉल्ट ने कहा, "अभी कुछ ऐसा चल रहा है जिसे आप महल का नाटक कह सकते हैं। और यह सब ड्रामा हमें जनता के भलाई के लिए काम नहीं करने देता। पर हमें कनाडा के लोगों के लिए भलाई के काम करने हैं। संसद के सभी लिबरल सदस्य ट्रूडो के समर्थन में सामने नहीं आए। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, ओंटारियो लिबरल सांसद इवान बेकर ने कहा, "यह पार्टी के नेता का निर्णय है कि वह नेता के रूप में बने रहेंगे या नहीं।"

नेतृत्व पर पैदा हुआ संदेह 

टोरंटो प्रतिनिधित्व करने वाले लिबरल सांसद चार्ल्स सूसा ने कहा कि ट्रूडो इस समय स्थिति पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। सूसा ने कहा, "ट्रूडो ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें लगता है कि वे सही विकल्प हैं, लेकिन जो कुछ भी कहा जा रहा है, वे उसकी सराहना करते हैं।" "मैं उनके निर्णय का सम्मान करता हूँ, चाहे वह कुछ भी हो।" ट्रूडो की लिबरल पार्टी को हाल ही में दो लंबे समय से चले आ रहे जिलों, टोरंटो और मॉन्ट्रियल में विशेष चुनावों में असफलता का सामना करना पड़ा, जिससे उनके नेतृत्व पर संदेह पैदा हो गया।

बात नहीं मानी तो जाएंगे ट्रूडो

ट्रूडो ने अपनी पार्टी के सदस्यों की बाद नहीं मानी तों उन्हें कुर्सी छोड़नी होगी, क्योंकि किसी भी सरकार ने पीएम रहने के लिए उस पार्टी के सांसदों का भरोसा जीतना जरूरी होता है। अगर ट्रूडो का अपनी पार्टी के बीच ऐसे ही विश्वास खतम होता गया तो उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। 

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24 October 2024, 03:12 PM IST

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